
6 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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सवाल: मैं उत्तर प्रदेश के ललितपुर की रहने वाली हूं। 20 साल की उम्र में मेरी अरेंज मैरिज हुई थी, लेकिन छह महीने बाद ही एक सड़क हादसे में मेरे पति की मृत्यु हो गई। उसके बाद मेरी जिंदगी थम सी गई। तब मैं ग्रेजुएशन कर रही थी। बाद में मैंने बीएड किया और एक प्राइमरी स्कूल में मेरी सरकारी नौकरी लग गई। लेकिन भीतर का अकेलापन बना रहा।
दो साल बाद उसी स्कूल में पढ़ाने वाले एक टीचर और मेरे कुलीग के साथ मेरी दोस्ती हुई। उन्होंने मुझे समझा, सम्मान दिया और मेरा सहारा बने। पिछले 3 सालों में हमारा रिश्ता काफी मैच्योर हो गया है और अब हम शादी करना चाहते हैं। लेकिन मेरा परिवार, ससुराल और यहां तक कि मेरे कुलीग के घरवाले भी इस रिश्ते का विरोध कर रहे हैं। ससुराल वाले मेरी नीयत पर सवाल उठा रहे हैं, शायद इसलिए भी कि मेरी सैलरी से उन्हें आर्थिक सहारा मिलता है। मेरे पिता, जो लोकल राजनीति में हैं, कहते हैं कि समाज क्या कहेगा और मुझे अपनी किस्मत को स्वीकार कर लेना चाहिए। मेरे पार्टनर के घर वाले भी यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि वह किसी विधवा से कैसे शादी कर सकता है। मुझे लगता है कि मैंने कोई गलत फैसला नहीं लिया है, लेकिन हर तरफ से विरोध और दबाव के चलते मैं तनाव में हूं और उलझन भी है। क्या मुझे दोबारा प्यार करने का हक नहीं है? क्या समाज और परिवार की नाराजगी के डर से मुझे अपनी जिंदगी रोक देनी चाहिए? हम दोनों अपने घरवालों को कैसे समझाएं?
एक्सपर्ट: अदिति सक्सेना, काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट, भोपाल
जवाब: आपकी भावना पूरी तरह स्वाभाविक और मानवीय है। आपके सवाल में एक स्त्री का साहस, संघर्ष और सच्चा आत्म-सम्मान झलक रहा है। जीवन में ऐसा मोड़ आना, जहां कोई संबंध छिन जाता है और फिर वर्षों बाद एक नया रिश्ता आकार लेने लगे तो ये अनुभव भावनात्मक रूप से बहुत गहरे होते हैं। जिस तरह की सामाजिक परिस्थितियां आपने बताई हैं, उसमें उलझन, अपराधबोध और दबाव महसूस होना बिल्कुल सामान्य है। इससे परेशान न हों।
आपको प्यार का पूरा हक
आपकी भावनाएं बिल्कुल भी गलत नहीं हैं। आपका सवाल कि “क्या मुझे दोबारा प्यार करने का हक नहीं है?” तो ये समझिए कि हर उस इंसान को पूरा हक है, जो अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता है।

समाज और परिवार क्यों करते हैं विरोध?
हमारा समाज, खासकर छोटे शहरों में, विधवा पुनर्विवाह को अब भी सहज नहीं मानता है। यह रूढ़िवादी सोच बहुत धीरे-धीरे बदल रही है। आपके ससुराल वालों को शायद लगता है कि आपकी शादी से उनकी आर्थिक मदद छिन जाएगी। आपके पिता राजनीति में हैं तो समाज की नजरों और अपनी इज्जत की चिंता कर रहे हैं। आपके पार्टनर के घर वालों के सामने भी वही सवाल है कि लड़का विधवा से शादी कैसे कर सकता है? इस सबके पीछे उनके अपने डर और चिंताएं हैं, जो भावनाओं से ज्यादा सामाजिक दबाव से जुड़ी हैं।

आपका प्यार बिल्कुल गलत नहीं है
आप शायद सोच रही होंगी कि क्या यह कदम आपके पहले पति की यादों को ठेस पहुंचाएगा। आप ये भी सोच सकती हैं कि कहीं समाज की नजरों में कुछ गलत तो नहीं कर रही हैं। हालांकि, सच यह है कि आपने अपने पहले पति को प्यार किया, उनकी यादों को सम्मान दिया और अब आप अपनी जिंदगी को नया मौका दे रही हैं। यह बेवफाई नहीं, बल्कि हिम्मत है। आपको अपने मन से जिंदगी जीने का पूरा हक है।

क्या करें ताकि परिवार समझे?
अब बात आती है कि परिवार में हो रहे इस विरोध को कैसे संभाला जाए। यह आसान नहीं होगा, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। आप और आपका पार्टनर साथ मिलकर ये कुछ काम कर सकते हैं:
अपने रिश्ते की नींव मजबूत करें
सबसे पहले आप दोनों एक-दूसरे से खुलकर बात करें। क्या आप दोनों इस रिश्ते के लिए पूरी तरह तैयार हैं? क्या आप एक-दूसरे का साथ हर हाल में देंगे? अगर हां, तो यह आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
परिवार से बात करें, पर बहुत फिक्र न करें
अपने परिवार, ससुराल और पार्टनर के घरवालों से अलग-अलग मिलें। उनसे इस बारे में बात करते हुए गुस्सा या बहस न करें। अगर वे आपकी बात को समझते हैं तो ठीक है, वर्ना आप अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे आपसे प्यार करते हैं तो निश्चित ही एक दिन आपके फैसले को समझेंगे।
किसी काउंसलर की मदद लें
अगर बातचीत मुश्किल हो रही है तो किसी काउंसलर की, समझदार रिश्तेदार, दोस्त की मदद लें। वो आपकी बात को बेहतर तरीके से समझा सकता है।
परिवार को कुछ समय दें
यह भी हो सकता है कि आपके घर वाले तुरंत न मानें, लेकिन आपकी खुशी देखकर धीरे-धीरे उनका दिल बदल सकता है। अगर आपके माता-पिता आपसे सच्चा प्यार करते हैं, तो उनके लिए आपकी खुशी से बढ़कर कुछ नहीं होगा।

आपका कानूनी हक
इस मामले में तो कानून भी आपके साथ है। भारत में विधवा पुनर्विवाह पूरी तरह वैध है। आपका अपनी सैलरी और खुद की बनाई संपत्ति पर पूरा अधिकार है। आपके ससुराल वाले आपकी कमाई पर निर्भर हो सकते हैं, लेकिन वे आपको शादी करने से रोक नहीं सकते हैं। अगर मामला बिगड़ रहा है और जरूरत पड़े तो किसी वकील से सलाह लें, ताकि आप अपने अधिकारों को समझ सकें।

अपने दिल की सुनें
आपके लिए आपकी खुशी सबसे अहम है। अगर आपके माता-पिता आपसे प्यार करते हैं, तो वे देर-सवेर आपकी खुशी को समझेंगे। समाज का शोर कुछ दिन तक रहेगा, लेकिन आपकी जिंदगी हमेशा आपकी ही है। अपने पार्टनर के साथ मिलकर इस मुश्किल वक्त का सामना करें। प्यार कोई गलती नहीं, यह आपकी ताकत है। जब आपका मन कहे कि आप गलत नहीं हैं तो उस आवाज को सुनें, क्योंकि जिंदगी बाहर के लोगों की राय से नहीं, अपने दिल से जी जाती है।
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