Artificial Ice Cream; Fake Vs Real Kulfi Detection Methods Explained | जरूरत की खबर- कर्नाटक में आइसक्रीम में डिटर्जेंट की मिलावट: इन्फेक्शन, किडनी डैमेज का खतरा, कैसे पहचानें मिलावटी आइसक्रीम


2 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह

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गर्मियों के सीजन में आइसक्रीम की डिमांड बढ़ जाती है। ठंडी-ठंडी और मीठी आइसक्रीम बच्चों से लेकर बड़ों तक सबकी पसंद होती है। बाजार में तरह-तरह के फ्लेवर, रंग और शेप में आइसक्रीम मिलती हैं, जो गर्मी में राहत देने का काम करती हैं। लेकिन इस स्वाद के पीछे एक सच्चाई छुपी है, जो जानना बहुत जरूरी है।

हाल ही में कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग (FDA) की छापेमारी में जो सामने आया, उसने चौंका दिया। कई जगहों पर आइसक्रीम बेहद गंदे हालातों में बनाई और बेची जा रही थी। कुछ दुकानदार और कंपनियां इसमें सिंथेटिक दूध, डिटर्जेंट, यूरिया, नकली रंग और सैकरीन जैसे खतरनाक केमिकल मिला रही थीं। आइस कैंडी और कोल्ड ड्रिंक्स में भी गंदा पानी और जरूरत से ज्यादा फ्लेवर का इस्तेमाल पाया गया।

स्वाद के चक्कर में अगर हम रोज ऐसी चीजें खाते रहे तो सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आइसक्रीम खरीदते समय सतर्क रहें और उसकी क्वालिटी की भी जांच करें।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि मिलावटी आइसक्रीम खाना कितना खतरनाक है? साथ ही जानेंगे कि-

  • मिलावटी आइसक्रीम की पहचान कैसे कर सकते हैं?
  • आइसक्रीम खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर

सवाल- मिलावटी आइसक्रीम क्या होती है?

जवाब- मिलावटी आइसक्रीम वह होती है, जिसमें असली सामग्री की जगह सस्ती और नुकसानदायक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे- दूध और क्रीम की जगह वेजिटेबल ऑयल मिलाना, असली स्वाद के बजाय नकली फ्लेवर डालना और कुछ मामलों में डिटर्जेंट जैसी खतरनाक चीजें मिलाना भी शामिल है।

सवाल- मिलावटी आइसक्रीम खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?

जवाब- न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि मिलावटी आइसक्रीम खाने से स्वास्थ्य पर कई तरह के बुरे असर हो सकते हैं। खासकर अगर उसमें डिटर्जेंट, यूरिया या सिंथेटिक केमिकल मिले हों तो यह फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, एलर्जी, और लंबे समय में लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

सवाल- आइसक्रीम में मिलावट की कैसे पहचान कर सकते हैं?

जवाब- आइसक्रीम दिखने में भले ही स्वादिष्ट लगे, लेकिन अगर आपको उसकी क्वालिटी पर शक हो तो कुछ आसान घरेलू और साइंटिफिक तरीकों से इसकी जांच की जा सकती है। स्वाद, रंग, टेक्सचर और पिघलने का तरीका देखकर भी कई बार मिलावट का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- अगर किसी ने मिलावटी आइसक्रीम खा ली हो तो क्या करें?

जवाब- न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि अगर गलती से मिलावटी आइसक्रीम खा ली जाए और पेट दर्द, उल्टी, दस्त या जलन जैसी कोई भी परेशानी महसूस हो, तो सबसे पहले खूब पानी पीएं ताकि शरीर से टॉक्सिन्स सब्सटेंस बाहर निकल सकें। इसके साथ ही हल्का और सुपाच्य खाना खाएं और शरीर को पर्याप्त आराम दें। अगर लक्षण कम न हों या हालत बिगड़ने लगे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ. अनु अग्रवाल के मुताबिक, कुछ मामलों में एलर्जी की स्थिति में एंटीहिस्टामिन दवाओं की जरूरत पड़ सकती है। अगर फूड प्वाइजनिंग गंभीर हो जाए तो IV फ्लुइड्स या एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट भी दिया जा सकता है। वे सलाह देती हैं कि शरीर को डिटॉक्स करने के लिए नींबू, संतरा जैसे साइट्रस फल खाना या ग्रीन टी पीना फायदेमंद हो सकता है। ये नेचुरल तरीके से टॉक्सिन्स सब्सटेंस को बाहर निकालने में मदद करते हैं।

सवाल-आइसक्रीम खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- आइसक्रीम खरीदते समय मिलावट और खराब क्वालिटी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- क्या घरेलू तरीके से बनाई गई आइसक्रीम ज्यादा सुरक्षित होती है?

जवाब- आमतौर पर बाजार में मिलने वाली आइसक्रीम की तुलना में घरेलू तरीके से बनाई गई आइसक्रीम अधिक सुरक्षित मानी जाती है, बशर्ते इसे सही ढंग से तैयार किया जाए। घर पर आइसक्रीम बनाते समय आप ताजे और साफ-सुथरी चीजें जैसे दूध, क्रीम, फल और शक्कर का इस्तेमाल करते हैं। इसमें प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल फ्लेवर या अतिरिक्त शक्कर की मात्रा नियंत्रित करना आपके हाथ में होता है। साथ ही अगर सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और सही तापमान पर आइसक्रीम को स्टोर किया जाए तो बैक्टीरिया के पनपने का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।

हालांकि घरेलू आइसक्रीम भी असुरक्षित हो सकती है, अगर सावधानी न बरती जाए। उबले बिना दूध का इस्तेमाल करना, कच्चे अंडे मिलाना, आइसक्रीम को सही तरीके से ठंडा न करना या लंबे समय तक बाहर छोड़ देना, ये सभी बातें फूड पॉइजनिंग जैसे जोखिम बढ़ा सकती हैं।

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हाल ही में तमिलनाडु के तिरुपुर में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने मिलावटी रंगों और खराब क्वालिटी वाले तरबूजों को पकड़ा। इस छापेमारी के दौरान 2,000 किलो से ज्यादा खराब तरबूजों को जब्त कर उन्हें नष्ट किया गया। डिपार्टमेंट ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे बाजार से तरबूज खरीदते समय उसकी क्वालिटी की खुद जांच जरूर करें। पूरी खबर पढ़िए…

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