Delhi Lucknow AC Blast; Air Conditioner Explosion Reason Explained | जरूरत की खबर- दिल्ली-लखनऊ में एसी ब्लास्ट, एक की मौत: इन 7 गलतियों से एसी में हो सकता है ब्लास्ट, बरतें 10 जरूरी सावधानियां


20 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर में एक बंद मकान की छत पर बनी लाइब्रेरी में बीते रविवार को अचानक आग लग गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आग लगने की वजह एसी (एयर कंडीशनर) में शॉर्ट सर्किट था।

इससे पहले, 13 मार्च 2025 की रात दिल्ली के कृष्णा नगर में एक एसी रिपेयर शॉप में कम्प्रेशर फटने से बड़ा हादसा हुआ था। उस धमाके में वहां काम कर रहे मैकेनिक की मौत हो गई थी।

इन घटनाओं से साफ है कि एसी से जुड़ी लापरवाही बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए अगर आपके घर या ऑफिस में एसी लगा है तो कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि एसी ब्लास्ट या आग लगने के मुख्य कारण क्या हैं? साथ ही जानेंगे कि-

  • इन घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है?
  • एसी की सुरक्षा से जुड़े जरूरी टिप्स क्या हैं?

एक्सपर्ट: शशिकांत उपाध्याय, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, अहमदाबाद

सवाल- एसी में आग लगने की मुख्य वजह क्या है?

जवाब- गर्मी का मौसम शुरू होते ही एसी का इस्तेमाल बढ़ जाता है, लेकिन अक्सर लोग इसे बिना सर्विस कराए या उसकी तकनीकी हालत जांचे बगैर चालू कर देते हैं। ऐसे में जरा सी लापरवाही बड़ा खतरा बन सकती है। असल में, एसी एक हाई-पावर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। अगर इसमें कोई तकनीकी गड़बड़ी हो या इस्तेमाल में सावधानी न बरती जाए तो आग लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- क्या एसी में ब्लास्ट या आग से पहले कोई अलार्मिंग साइन दिखते हैं?

जवाब- गर्मी के मौसम में एसी लगातार कई घंटे चलता है। अगर उसकी सर्विसिंग समय पर नहीं हुई हो या अंदरूनी पार्ट्स कमजोर हों तो यह एक समय बाद खतरा बन सकता है। हालांकि ऐसे हादसों से पहले एसी कुछ चेतावनी संकेत जरूर देता है। अगर समय रहते इनकी पहचान कर ली जाए तो बड़ा नुकसान होने से बचाया जा सकता है। जैसेकि-

  • एसी से जलने जैसी गंध आना वायरिंग या सर्किट में हीटिंग का संकेत हो सकता है।
  • स्पार्क या तेज आवाज आना कम्प्रेसर या इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की तरफ इशारा करता है।
  • एसी से धुंआ या हल्का कोहरा निकलना एक खतरनाक सिग्नल है। ऐसे में एसी तुरंत बंद करें।
  • बार-बार ऑन-ऑफ होना ओवरलोड या वोल्टेज फ्लक्चुएशन से सिस्टम गड़बड़ी का संकेत है।
  • एसी यूनिट का असामान्य रूप से गर्म होना कम्पोनेंट ओवरहीट होने का संकेत है, जो आग की वजह बन सकता है।

अगर इन संकेतों में से कोई भी दिखे तो बिना देर किए एसी की मेन सप्लाई बंद कर दें और प्रोफेशनल टेक्नीशियन को दिखाएं। थोड़ी सी सतर्कता बड़े हादसे को रोक सकती है।

सवाल- एसी का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- गर्मियों में एसी राहत जरूर देता है, लेकिन इसकी देखभाल और इस्तेमाल में लापरवाही बड़ा खतरा बन सकती है। आग लगने, शॉर्ट सर्किट या कम्प्रेसर फटने जैसे हादसे तभी होते हैं, जब हम कुछ बेसिक सेफ्टी नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं। थोड़ी सी सावधानी आपको और आपके परिवार को गर्मी में सुरक्षित और सुकून भरा माहौल दे सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- क्या पुराने एसी या लोकल ब्रांड्स में खतरा ज्यादा होता है?

जवाब- अक्सर पुराने एसी की वायरिंग, कंडेंसर और कम्प्रेसर कमजोर हो जाते हैं। इसके अलावा लोकल या बिना ISI मार्क वाले एसी में सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की कमी होती है, जिससे शॉर्ट सर्किट या ओवरहीटिंग का खतरा ज्यादा होता है। अगर एसी 7-8 साल से ज्यादा पुराना है तो उसकी सर्विसिंग के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल जांच भी करवाना जरूरी है। वहीं सस्ता एसी खरीदते समय उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट, ग्राहक रिव्यू और सेफ्टी फीचर्स जरूर चेक करें।

सवाल- क्या रातभर एसी चलाना सुरक्षित है? जवाब- बहुत से लोग गर्मियों में रातभर एसी चलाते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि अगर कमरे में वेंटिलेशन नहीं है या एसी पुराना और बिना सर्विसिंग का है तो यह आग लगने या ओवरहीटिंग का कारण बन सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि रात में टाइमर सेट करें, जिससे एसी खुद-ब-खुद कुछ घंटों बाद बंद हो जाए। साथ ही कमरे की खिड़की या वेंटिलेशन थोड़ा खुला रखें ताकि गर्म हवा बाहर निकल सके।

सवाल- एसी के साथ सर्ज प्रोटेक्टर या एमसीबी क्यों जरूरी है?

जवाब- सर्ज प्रोटेक्टर या मिनी सर्किट ब्रेकर (MCB) अचानक करंट बढ़ने पर सिस्टम को बंद कर देता है, जिससे शॉर्ट सर्किट और आग का खतरा टल सकता है। यह एक छोटा निवेश है, लेकिन सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।

सवाल- AC खरीदते वक्त BIS मार्क देखना क्यों जरूरी है?

जवाब- BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) मार्क किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की सेफ्टी, क्वालिटी और स्टैंडर्ड कंप्लायंस की गारंटी होती है। अगर किसी एसी पर BIS मार्क नहीं है तो इसका मतलब है कि वह भारतीय सेफ्टी मानकों पर खरा नहीं उतरता है। ऐसे एसी में शॉर्ट सर्किट, ओवरहीटिंग या फायर जैसी घटनाओं का खतरा ज्यादा होता है।

सवाल- क्या विंडो एसी और स्प्लिट एसी की सेफ्टी में कोई फर्क होता है?

जवाब- स्प्लिट एसी की वायरिंग और इंस्टॉलेशन ज्यादा कॉम्प्लेक्स होती है, इसलिए इसमें गलत फिटिंग या घटिया पार्ट्स का इस्तेमाल ब्लास्ट का खतरा बढ़ा सकता है। विंडो एसी भी सुरक्षित तभी होता है, जब उसका कॉम्प्रेशन सिस्टम ठीक से मेंटेन हो। दोनों में सर्विसिंग, वायरिंग और वेंटिलेशन सबसे बड़ा रोल निभाते हैं।

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