
जेफ्री एपस्टीन… एक ऐसा शख्स, जो एक वक्त दुनिया के ज्यादातर ताकतवर नेताओं का चहेता था। जिसके प्राइवेट आइलैंड की सीक्रेट पार्टियों में जाने की सभी की हसरत होती थी। आज सपने में भी कोई जेफ्री नाम नहीं लेना चाहता। वजह- दुनिया का सबसे सनसनीखेज सेक्स स्कैंड
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एपस्टीन सेक्स स्कैंडल से जुड़े कई ऐसी बातें, जो पूरी तरह सच नहीं, लेकिन झूठ भी नहीं। मसलन- इस पूरे स्कैंडल के पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ था। जेफ्री ने सुसाइड नहीं किया, बल्कि राज खुलने के डर से उसकी हत्या करवाई गई। ऐसी ही 5 कॉन्स्पिरेसी थ्योरीज की पूरी कहानी, जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में…

- दावा किया जाता है कि जेफ्री एपस्टीन और उसकी गर्लफ्रेंड गिस्लेन मैक्सवेल जासूसी के मकसद से दुनिया की बड़ी हस्तियों और नेताओं को हनी ट्रैप करते थे।
- वे लड़कियों के साथ उनकी आपत्तिजनक फोटो-वीडियो इकट्ठा करते थे, ताकि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए इन्हें ब्लैकमेल किया जा सके।
- पूर्व इजराइली जासूस अरी-बेन-मेनाशे ने एक इंटरव्यू में दावा किया, ‘एपस्टीन और मैक्सवेल इजराइली मिलिट्री इंटेलिजेंस के लिए काम करते थे। उनके काम का तरीका एक क्लासिक हनी ट्रैप ऑपरेशन जैसा था।’
- न्यूज वेबसाइट ‘ड्रॉप साइट’ के मुताबिक, ‘2013 से 2015 के बीच इजराइली सीक्रेट एजेंट योनो कोरेन ने 3 बार एपस्टीन के मैनहटन वाले अपार्टमेंट में 10-15 दिन बिताए। एपस्टीन के ईमेल रिकॉर्ड्स से पता चला कि योनो, एपस्टीन और इजराइली सरकार के बीच कम्युनिकेट करता था। पूर्व इजराइली पीएम एहुद बराक के एपस्टीन के साथ कई ईमेल्स वायरल हुए, जिनमें पैसे के लेन-देन की बात थी।’

एक समय एपस्टीन और ट्रम्प काफी करीबी दोस्त थे, लेकिन बाद में एक प्रॉपर्टी के कारण दोनों के रिश्ते खराब हो गए।
- इजराइल और एपस्टीन के बीच कनेक्शन की एक कड़ी रॉबर्ट मैक्सवेल भी हैं, जो उसकी गर्लफ्रेंड गिस्लेन के पिता थे। रॉबर्ट मोसाद के लिए जासूसी करते थे। आरोप है कि रॉबर्ट की मौत के बाद गिस्लेन और एपस्टीन ने उसी खुफिया नेटवर्क को आगे बढ़ाया।
- जर्नलिस्ट डिलन हॉवर्ड, जेम्स रॉबर्ट्सन और मेलिसा क्रोनिन की किताब ‘एपस्टीन: डेड मेन टेल नो टेल्स; स्पाइज, लाइज एंड ब्लैकमेल’ के मुताबिक, एपस्टीन ने न सिर्फ अमेरिका बल्कि सऊदी अरब और अन्य देशों के रहस्य जानने के लिए अपने संपर्कों का इस्तेमाल किया और सारी जानकारी इजराइल को दी।
- हालांकि इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने सार्वजनिक तौर पर इजराइल के साथ एपस्टीन के संबंधों को खारिज किया है। उन्होंने कहा था कि एपस्टीन का मोसाद से कोई लेना-देना नहीं है।

- जुलाई 2019 में न्यूयॉर्क पुलिस ने सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप में जेफ्री एपस्टीन को गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे न्यूयॉर्क की जेल में रखा गया।
- दावा किया गया कि एपस्टीन के पास एक सीक्रेट क्लाइंट लिस्ट है, जिसमें दुनियाभर के कई हाई प्रोफाइल लोगों के नाम हैं। उसके पास डोनाल्ड ट्रम्प, बिल क्लिंटन, प्रिंस एंड्रयू जैसे कई दिग्गजों के राज हैं, जिनका वो खुलासा कर सकता है।
- लेकिन 10 अगस्त 2019 को खबर आई की एपस्टीन ने जेल के अंदर सुसाइड कर लिया। कहा जाने लगा कि एपस्टीन ने सुसाइड नहीं किया है, बल्कि उसकी हत्या हुई है।
- अमेरिकी टीवी होस्ट जो स्कारबोरो ने ट्वीट किया, ‘एक ऐसा व्यक्ति, जिसके पास अमीर और ताकतवर लोगों की जिंदगी तबाह करने की जानकारी थी। जेल में मरा पाया गया। ये तो रूसी तरीका है।’
- न्यूयॉर्क के मेयर बिल डी ब्लासियो ने भी कहा, ‘अब एपस्टीन दूसरों को दोषी नहीं ठहरा सकता।’
- जेल में एपस्टीन को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया था और ध्यान रखा गया था कि वो सुसाइड न कर ले, लेकिन फिर भी उसकी मौत हो गई। इसको लेकर सवाल किए जाने लगे।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि उसकी गर्दन की कई हड्डियां टूटी हुई थीं। फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. माइकल बाडेन ने दावा किया कि ऐसी चोटें फांसी या आत्महत्या में नहीं होती। ये गला घोंटने जैसा मामला लगता है।

ये तस्वीर एपस्टीन के सेल की है, जहां वो बेहोश मिला था और बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत बताया था।
- न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जिस रात एपस्टीन की मौत हुई, उस रात सिक्योरिटी में खामियां देखी गईं। एपस्टीन के सेल के बाहर लगे 2 कैमरे उस रात कई बार खराब हुए। एक बार 3 मिनट के लिए कैमरे बंद हुए और जब दोबारा चालू हुए तो एपस्टीन की मौत हो चुकी थी। जेल की ओर से जारी CCTV फुटेज में भी 1 मिनट का जंप था।
- सिक्योरिटी गार्ड्स को हर 30 मिनट में जाकर एपस्टीन को देखना होता था, लेकिन उस रात ऐसा नहीं हुआ। टोवा नोएल और मिचेल थॉमस नाम के दोनों गार्ड ड्यूटी के दौरान सो गए और अपनी लॉगबुक में झूठ लिखा कि उन्होंने एपस्टीन को चेक किया है।
- इन बातों को लेकर काफी चर्चा होती है कि एपस्टीन की मौत की वजह सुसाइड या फिर मर्डर। कयास लगाए जाते हैं कि एपस्टीन अगर जिंदा रहता तो कई ताकतवर और रईस लोगों को बर्बाद कर सकता था।


- एपस्टीन के जरिए CIA दुनिया के तमाम बड़े नेताओं, उद्योगपतियों और अन्य ताकतवर लोगों को कंट्रोल करना चाहती थी, ताकि फॉरेन पॉलिसी, डिफेंस डील, स्टॉक मार्केट, ट्रेड वगैरह की जानकारी मिल सके और उन्हें कंट्रोल किया जा सके।
- इसके लिए CIA ने एपस्टीन की मदद से एक ‘ब्लैकमेल रिंग’ तैयार की, जिसमें ताकतवर हस्तियों के प्राइवेट वीडियो, फोटो, मैसेज, ईमेल वगैरह इकट्ठा किए गए।

हाल ही में ये तस्वीर सामने आई है, जिसमें ट्रम्प और एपस्टीन हैं। महिला के बारे में जानकारी नहीं है।
- सितंबर 2025 में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) के सीनियर अधिकारी ग्लेन प्रेजर ने दावा किया, ‘एपस्टीन CIA का मुखबिर था। DOJ इसकी जांच नहीं करना चाहता था, क्योंकि एपस्टीन अमेरिका और इजराइल के लिए काफी अहम था।’
- लेकिन DOJ ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा, ‘दावा करने वाले शख्स का एपस्टीन केस से कोई लेना-देना नहीं है। उसने निजी फायदे के लिए ऐसे मनगढ़ंत दावे किए हैं।’
- न तो अमेरिकी जांच एजेंसी FBI या DOJ की केस फाइलों में, न कोर्ट में पेश सबूतों में और न ही सार्वजनिक रिपोर्टों में ऐसा कोई ठोस मिला, जो एपस्टीन को CIA ऑपरेटिव साबित करे।
- हालांकि एपस्टीन की प्रॉपर्टी से मिले सबूतों में दिखा है कि वह लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके फोटो-वीडियो बनाता था, जो अमूमन हर अपराधी या माफिया करता है, लेकिन इसका किसी सीक्रेट मिशन से सीधा लिंक नहीं है।

- अगस्त 2019 में जेफ्री एडवर्ड एपस्टीन की मौत के बाद एरिक पियर्सन नाम के व्यक्ति ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि एपस्टीन मरा नहीं है और जो व्यक्ति दिखाया गया वो एपस्टीन का बॉडी डबल है।
- एरिक ने एक फोटो के साथ अपनी पोस्ट में लिखा, ‘डेड बॉडी को बिना कवर या बॉडी बैग के क्यों निकाला जा रहा है? चेहरा बहुत पिंक है, जो डेड मैन का नहीं लगता।’

एरिक पियर्सन ने इस फोटो के साथ दावा किया कि एपस्टीन मरा नहीं है।
- इसके बाद चर्चा होने लगी कि एपस्टीन अभी जिंदा है। वह अपने आइलैंड पर प्रोटेक्टिव कस्टडी में रह रहा है और वहीं से सेक्स स्कैंडल का बिजनेस चला रहा है।
- यह भी दावा किया जाता है कि एपस्टीन की मौत के बाद जो फोटो दिखाई गई वो एपस्टीन से नहीं मिलती। दिखाई गई फोटो से उसके नाक, कान और मुंह काफी अलग हैं। मारा गया शख्स एपस्टीन नहीं, उसका बॉडी डबल है।
- हालांकि FBI ने कहा, ‘जेफ्री एपस्टीन अपने सेल में बेहोश पाया गया। उसे इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।’
- एपस्टीन की मौत के बाद FBI ने जेल का 10 घंटे का फुटेज भी जारी किया, जिसमें एपस्टीन के पास कोई आता-जाता नहीं दिखा। इसके आधार पर FBI ने माना कि एपस्टीन ने सुसाइड किया।
- जुलाई 2025 में DOJ और FBI ने एक मेमो रिलीज किया था, जिसमें आधिकारिक तौर पर कहा गया कि एपस्टीन ने 10 अगस्त 2019 को अपनी सेल में सुसाइड कर लिया।

- जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने। 3 महीने बाद अप्रैल में वर्जीनिया गिफ्रे नाम की महिला की मौत हो गई, जो एपस्टीन केस की पीड़िता थी।
- इसके बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि वर्जीनिया गिफ्रे की मौत में कहीं न कहीं ट्रम्प का हाथ है। दावा किया जाता है कि ट्रम्प ने गिफ्रे को ‘चुप’ करवाने के लिए मरवा दिया।
- वर्जीनिया ने भी पहले कहा था कि उन्हें जान का खतरा है। कई बड़े लोग उन्हें चुप कराने के लिए उनकी हत्या करवाना चाहते हैं।
- हालांकि ऑफिशियल रिपोर्ट के मुताबिक वर्जीनिया ने सुसाइड किया था। उनके परिवार वालों ने भी ये बात कही।

वर्जीनिया जब 16 साल की थीं, तब पहली बार उनकी मुलाकात एपस्टीन से हुई थी।
- दरअसल, वर्जीनिया एपस्टीन की करतूतों को दोबारा उजागर करने वाली पहली पीड़िता थीं। 2019 में ‘MeeToo मूवमेंट’ के दौरान उन्होंने एपस्टीन पर कई गंभीर आरोप लगाए।
- गिफ्रे ने कहा, ‘जब मैं 16 साल की थी और डोनाल्ड ट्रम्प के क्लब मार-ए-लागो में काम कर रही थी, तब मुझे गिस्लेन मैक्सवेल मिली। उसने मसाज थेरेपी का ऑफर दिया और मुझे एपस्टीन के पास ले गई। इसके बाद मुझे एपस्टीन अपने विला ले गया। 3 साल तक मेरा यौन शोषण हुआ।’
- 2021 में वर्जीनिया ने ब्रिटेन के शाही परिवार के प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ केस दर्ज कराया। आरोप लगाया, ‘जब मैं 17 साल की थी, तब एपस्टीन मुझे प्रिंस एंड्रयू के पास ले गए। एंड्रयू ने मेरे साथ 3 बार यौन संबंध बनाए।’
- इसके अलावा वर्जीनिया ने अपनी किताब नोबडीज गर्ल में भी कई खुलासे किए। इसमें उन्होंने ट्रम्प का जिक्र किया तो लेकिन ऐसा कोई सीधा आरोप नहीं लगाया कि ट्रम्प ने उनके साथ दुराचार किया हो।
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