Gluten-Free Foods Benefits Explained; Jowar Bajra | Makka | जरूरत की खबर- भारत में 60-80 लाख लोग ग्लूटेन इनटॉलरेंट: ग्लूटेन क्या है, पचने में मुश्किल क्यों, 9 ग्लूटेन फ्री अनाज और फायदे


2 घंटे पहले

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दुनिया की 1% आबादी को सीलिएक डिजीज है यानी इन्हें गेहूं या ऐसी सभी चीजें, जिनमें ग्लूटेन है, उनसे एलर्जी है। रिसर्च गेट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 8.4% लोग ग्लूटेन इंटॉलरेंस का सामना कर रहे हैं। इनमें कुछ लोगों को सीलिएक डिजीज है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें सीलिएक डिजीज नहीं है और नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिव हैं। भारत में 5-6% लोगों को गेहूं या ग्लूटेन से समस्या होती है, जिसमें 90% लोगों को यह पता ही नहीं है।

सीलिएक एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें ग्लूटेन खाने से छोटी आंत को नुकसान होता है। वहीं, नॉन-सीलिएक ग्लूटन सेंसिटिविटी में ग्लूटन खाने से गैस, डायरिया, पेट दर्द जैसी दिक्कतें होती हैं।

गेहूं इतना लोकप्रिय अनाज इसलिए है, क्योंकि यह बाइंडिंग एजेंट की तरह काम करता है। मान लीजिए बिस्किट बनाने हैं तो इसका आटा गीला होने पर आपस में चिपक जाता है, जबकि मोटे अनाज का आटा सूखने पर बिखर जाता है। इसके अलावा ग्लूटेन की मौजूदगी इसे ज्यादा सॉफ्ट बनाती है, लेकिन ये पाचन की समस्या भी पैदा कर सकता है।

इसलिए ‘जरूरत की खबर’ में आज ग्लूटेन फ्री अनाज के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • इनके क्या फायदे हैं?
  • इन्हें कैसे खाया जा सकता है?

ग्लूटेन-फ्री अनाज है सुरक्षित विकल्प

आजकल बहुत से लोग ग्लूटेन-फ्री डाइट अपना रहे हैं। ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं और जौ जैसे अनाजों में पाया जाता है। यह भोजन को मुलायम बनाता है और रोटी को फूलने में मदद करता है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए ग्लूटेन पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे कि सीलिएक डिजीज या ग्लूटेन संवेदनशीलता। ऐसे में ग्लूटेन-फ्री अनाज एक स्वस्थ और सुरक्षित विकल्प बन सकते हैं।

अब विस्तार से समझते हैं कि इन अनाजों को खाने के क्या फायदे हैं और इन्हें खाने में कैसे शामिल करें:

1. ज्वार

ज्वार फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत देता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाते हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जिससे डायबिटिक लोगों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

ज्वार की रोटी बनाकर खा सकते हैं, जो भारत में बहुत लोकप्रिय है। इसे खिचड़ी, सलाद या पॉपकॉर्न के रूप में भी तैयार किया जा सकता है। इसका आटा बेकिंग में इस्तेमाल करके कुकीज और केक बनाए जा सकते हैं।

2. बाजरा

बाजरा आयरन, फाइबर, प्रोटीन और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। यह हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है, पाचन को सुधारता है और डायबिटीज कंट्रोल में फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल घटता है और हार्ट हेल्थ बेहतर होती है। यह ग्लूटेन-फ्री होता है, इसलिए सीलिएक और ग्लूटेन सेंसिटिव लोगों के लिए सुरक्षित है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

बाजरे की रोटी उत्तर भारत में सर्दियों में खूब खाई जाती है। इसके आटे से थेपला, चीला या पैनकेक भी बनाए जा सकते हैं। बाजरे को खिचड़ी, उपमा या दलिया की तरह भी पकाया जा सकता है।

3. मक्का

मक्का में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे ल्यूटिन और जेक्सैंथिन होते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं। यह पाचन को सुधारता है और ऊर्जा प्रदान करता है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

मक्के को रोटी बनाकर, उबालकर या भूनकर खाया जा सकता है। इसका आटा कॉर्नब्रेड बनाने के लिए भी इस्तेमाल होता है। इसे सलाद में भी डाला जा सकता है।

4. रागी

रागी में फाइबर, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और पाचन को बेहतर करता है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। यह ग्लूटेन फ्री होता है, इसलिए एलर्जी वालों के लिए भी फायदेमंद है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

रागी का आटा रोटी, पराठा या डोसा बनाकर खाया जा सकता है। इसे दलिया या खिचड़ी के रूप में सुबह के नाश्ते में शामिल किया जा सकता है। गर्मियों में इसे भिगोकर देसी ड्रिंक ‘अंबिल’ बनाया जाता है, जो शरीर को ठंडक देता है।

5. क्विनोआ

क्विनोआ एक कंप्लीट प्रोटीन सोर्स है, क्योंकि इसमें सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। यह फाइबर, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। यह हार्ट हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है, वेट मैनेजमेंट में सहायक है और शरीर को पोषक तत्व प्रदान करता है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

क्विनोआ को सलाद में, चावल के विकल्प के रूप में या नाश्ते में दलिया बनाकर खाया जा सकता है। इसका आटा पैनकेक, ब्रेड और मफिन बनाने के लिए भी उपयुक्त है। यह हल्का होता है और आसानी से पच जाता है।

6. ओट्स

जई में बीटा-ग्लूकन नामक फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देता है। यह लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। ध्यान रखें कि हमेशा प्रमाणित ग्लूटेन-फ्री जई चुनें, क्योंकि मिलावट से ग्लूटेन की समस्या हो सकती है।

7. कुट्टू

कुट्टू में रुटिन और क्वेरसेटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं। यह हार्ट हेल्थ के लिए लाभकारी है और पाचन में सहायक है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

कुट्टू के आटे से पूड़ी, पैनकेक या नूडल्स बनाए जा सकते हैं। इसे सूप या सलाद में भी डाला जा सकता है। इसका नारियल जैसा स्वाद इसे खास बनाता है।

8. राजगिरा (अमरनाथ)

राजगिरा प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है, सूजन को कम करता है और पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें लाइसिन नामक अमीनो एसिड भी होता है।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

राजगिरा को दलिया, लड्डू या पॉपकॉर्न के रूप में खाया जा सकता है। इसका आटा बेकिंग में इस्तेमाल कर ब्रेड और कुकीज बनाए जा सकते हैं। इसे सूप में गाढ़ापन लाने के लिए भी डाला जा सकता है।

9. चावल

चावल में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। इसमें थोड़ी मात्रा में प्रोटीन, विटामिन B और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। यह पचने में हल्का होता है, इसलिए बुखार या पेट की खराबी में अक्सर इसे खाने की सलाह दी जाती है। ब्राउन राइस में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट ज्यादा होते हैं, जो दिल और पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

इसे खाने में कैसे शामिल करें

चावल को दाल या सब्जी के साथ खाया जा सकता है। इसे पुलाव, खिचड़ी या इडली-डोसा के लिए बैटर बनाकर भी इस्तेमाल किया जाता है। ब्राउन राइस और रेड राइस को हेल्दी ऑप्शन के तौर पर सलाद या बाउल मील में शामिल किया जा सकता है।

ग्लूटेन फ्री अनाज क्यों खाना चाहिए?

ग्लूटेन फ्री खाना सिर्फ आपको पाचन की समस्याओं से नहीं बचाता है, बल्कि ये ज्यादातर मोटे अनाज होते हैं। इन्हें खाने के क्या फायदे हैं, ग्राफिक में देखिए-

इनमें गेहूं, जौ की अपेक्षा कहीं ज्यादा फाइबर होता है। ये प्रोटीन और कैल्शियम के भी अच्छे सोर्स होते हैं। कुल मिलाकर ये न्यूट्रिशन से भरपूर होते हैं। इनमें आयरन, जिंक, B-विटामिन्स और फॉस्फोरस जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। इनकी मौजूदगी से ही ये इतने फायदेमंद होते हैं। इसलिए ग्लूटेन-फ्री अनाज खाने चाहिए।

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