Hypothermia Symptoms; Low Body Temperature Causes & Treatment | फिजिकल हेल्थ- ठंड में बढ़ता हाइपोथर्मिया का खतरा: इन 12 संकेतों से पहचानें, ठंड से बचें, बचाव के लिए बरतें 11 जरूरी सावधानियां


3 घंटे पहलेलेखक: अदिति ओझा

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देश के कई राज्यों में सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है और मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं चलने लगी हैं। तापमान कम होने से ठिठुरन महसूस होती है, हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।

यही ठंड हाइपोथर्मिया नाम की गंभीर मेडिकल कंडीशन में बदल सकती है, जो इग्नोर किए जाने पर जानलेवा भी हो सकती है। एनवायर्नमेंट का तापमान कम होने से बॉडी टेम्परेचर तेजी से गिरने लगता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो कई बार शरीर अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता और कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

थिंक ग्लोबल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ठंड और हाइपोथर्मिया से हर साल लगभग 20,000 लोगों की मौत होती है। वहीं द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ (2021) की एक स्टडी के मुताबिक, देश में हर साल करीब 6.5 लाख मौतें ठंड के कारण होती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, अमेरिका में हाइपोथर्मिया से हर साल लगभग 700 से 1500 लोगों की मौत होती है।

इसलिए आज फिजिकल हेल्थ में हाइपोथर्मिया की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • हाइपोथर्मिया के लक्षण क्या हैं?
  • यह किन कारणों से होता है?
  • इससे खुद को कैसे बचा सकते हैं?

एक्सपर्ट: डॉ. स्वदेश कुमार, सीनियर फिजिशियन, नारायणा अस्पताल, दिल्ली

सवाल- हाइपोथर्मिया क्या होता है?

जवाब- हाइपोथर्मिया एक लाइफ थ्रेटनिंग इमरजेंसी कंडीशन है। इसमें बॉडी टेम्परेचर, शरीर के सामान्य तापमान 35°C (98.6 फॉरेनहाइट) से नीचे चला जाता है, जिसके कारण शरीर सामान्य रूप से फंक्शन नहीं कर पाता है। बॉडी पार्ट्स धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं।

सवाल- हाइपोथर्मिया क्यों होता है?

जवाब- ठंडे मौसम, हवा या पानी के संपर्क में आने से शरीर अपनी गर्मी तेजी से खोता है। दरअसल, शरीर की 90% गर्मी त्वचा और बाकी सांस के जरिए निकलती है। ठंडी हवा या नमी के संपर्क में यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति ठंडे पानी में है, तो उसका शरीर हवा की तुलना में 25 गुना तेजी से अपनी गर्मी खोता है। ग्राफिक से इसके कारण समझते हैं-

सवाल- हाइपोथर्मिया का खतरा किस उम्र में ज्यादा होता है?

जवाब- यह बीमारी ज्यादातर 30 से 49 वर्ष के वयस्कों में देखी जाती है और पुरुषों में इसका खतरा महिलाओं की तुलना में 10 गुना अधिक होता है।

सवाल- हाइपोथर्मिया के लक्षण क्या होते हैं?

जवाब- शुरुआती लक्षणों में शरीर का कांपना सबसे आम संकेत है। यह बताता है कि शरीर गर्मी बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जब ठंड बहुत बढ़ जाती है, तो यह कांपना रुक सकता है, जो कि खतरे का संकेत है। व्यक्ति को ज्यादा थकान, कमजोरी, नींद, उलझन होती है, बॉडी रिस्पांस धीमे होने लगते हैं। गंभीर मामलों में बेहोशी, दिल की धड़कन धीमी पड़ना और अंगों का काम करना भी बंद हो सकता है।

सवाल- किन लोगों को हाइपोथर्मिया का खतरा ज्यादा रहता है?

जवाब- सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों, नवजात बच्चों और उन लोगों को होता है, जिनके पास पर्याप्त गर्म कपड़े या हीटिंग की सुविधा नहीं होती। मानसिक रोगियों या बाहर लंबे समय तक काम करने वाले लोगों में भी इसका जोखिम अधिक होता है।

सवाल- हाइपोथर्मिया से बचाव कैसे करें?

जवाब- सर्दियों में बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लें। हमेशा कई परतों वाले गर्म कपड़े, टोपी, दस्ताने और मफलर पहनें। भीगे या पसीने वाले कपड़ों में देर तक न रहें। शराब या कैफीन वाली चीजों से बचें क्योंकि ये शरीर की गर्मी कम करती हैं। बच्चों को बाहर खेलते समय बार-बार अंदर लाएं ताकि वे गर्म रह सकें। नवजात को ठंडे कमरे में सोने न दें।

सवाल- ये स्थिति कब जानलेवा हो सकती है?

जवाब- जब ठंड में बॉडी टेम्प्रेचर गिरने लगता है तो दिमाग का एक हिस्सा ‘हाइपोथैलेमस’ टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने की कोशिश करता है। यह शरीर में कंपन शुरू करवाता है ताकि मांसपेशियों की हरकत से गर्मी बने। अगर यह प्रक्रिया लंबे समय तक नहीं संभलती, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है और दिल, फेफड़े, लिवर की गतिविधियां भी स्लो होने लगती हैं।

इससे इंसान को भ्रम (कंफ्यूजन) और थकान महसूस होने लगती है, और वो समझ नहीं पाता कि क्या हो रहा है या खुद को सुरक्षित जगह तक कैसे ले जाए। यही स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।

हाइपोथर्मिया से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब

सवाल- क्या हाइपोथर्मिया सिर्फ बर्फीले इलाकों में रहने वाले लोगों को होता है?

जवाब- नहीं, यह हल्के ठंडे इलाकों में भी हो सकता है। खासकर बुजुर्गों या कमजोर इम्यूनिटी वालों में इसका जोखिम ज्यादा होता है।

सवाल- क्या बहुत ठंडे कमरे में सोना खतरनाक है?

जवाब- हां, कमरे का तापमान बहुत गिरने पर बच्चों और बुजुर्गों में हल्का हाइपोथर्मिया हो सकता है।

सवाल- क्या नवजात बच्चों में इसके लक्षण अलग होते हैं?

जवाब- हां, बच्चे का शरीर ठंडा, लाल और सुस्त दिखाई देता है। तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।

सवाल- क्या घर पर गर्म पेय से राहत मिल सकती है?

जवाब- हां, गर्म सूप, दूध या पानी शरीर का तापमान सामान्य रखने में मदद करते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह पर्याप्त नहीं होता।

सवाल- हाइपोथर्मिया और हाइपरथर्मिया में क्या फर्क है?

जवाब- दरअसल, हाइपरथर्मिया हाइपोथर्मिया का उल्टा होता है। इसमें शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा तब होता है, जब आप गर्म और नम जगह पर ज्यादा मेहनत या एक्सरसाइज करते हैं।

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