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56 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने एक्स (X) हैंडल पर टैक्सपेयर्स के लिए एक साइबर अलर्ट जारी किया है। इसमें बताया गया है कि साइबर अपराधी इनकम टैक्स विभाग का नाम और पहचान इस्तेमाल कर फर्जी ईमेल, SMS और नकली वेबसाइट्स के जरिए लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को इस तरह के स्कैम का निशाना बनाया जा रहा है।
अक्सर टैक्स रिफंड, पेनल्टी या KYC अपडेट के नाम पर भेजे गए मैसेज लोगों को जल्दबाजी में लिंक या अटैचमेंट खोलने के लिए उकसाते हैं। जैसे ही कोई यूजर ऐसे फर्जी लिंक पर क्लिक करता है, उसकी निजी और बैंक से जुड़ी जानकारी स्कैमर्स तक पहुंच जाती है, जिससे वे एकमुश्त बड़ी रकम ऐंठ लेते हैं।
तो चलिए, आज साइबर लिटरेसी कॉलम में हम इस स्कैम के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- स्कैमर्स इनकम टैक्स के नाम पर लोगों को कैसे फंसाते हैं?
- इससे बचने के लिए टैक्सपेयर्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस
सवाल- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स के लिए क्या चेतावनी जारी की है?
जवाब- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने एक्स हैंडल पर टैक्सपेयर्स को आगाह किया है कि टैक्स रिफंड या किसी भी तरह की तुरंत एक्शन की डिमांड करने वाले ईमेल, SMS या लिंक फर्जी हो सकते हैं। विभाग ने कहा है कि ऐसे मैसेज पर न तो क्लिक करें और न ही उन्हें आगे शेयर करें क्योंकि यह साइबर ठगी का संकेत हो सकता है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ये मैसेज अपने ‘एक्स’ हैंडल से शेयर किया है।
डिपार्टमेंट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इनकम टैक्स से जुड़ा कोई भी काम सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in के जरिए ही करें। किसी भी ऐसे ईमेल या वेबसाइट से सतर्क रहें, जो देखने में सरकारी लगे लेकिन उसका डोमेन संदिग्ध हो।

ये मैसेज भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ही शेयर किया है।
इसके अलावा विभाग ने बताया है कि वह कभी भी ईमेल, SMS या फोन कॉल के जरिए OTP, पासवर्ड या बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है।
टैक्सपेयर्स से अपील की गई है कि “Think Twice, Act Wise” यानी किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह जांच करें और संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें, ताकि साइबर फ्रॉड से बच सकें।

ये मैसेज इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सीनियर सिटिजन को फ्रॉड से बचाने और जागरूक करने के लिए शेयर किया है।
सवाल- साइबर क्रिमिनल्स इनकम टैक्स के नाम पर ठगी को कैसे अंजाम देते हैं?
जवाब- साइबर क्रिमिनल्स टैक्सपेयर्स को भ्रमित करने के लिए इनकम टैक्स विभाग के नाम पर अलग-अलग तरीकों से स्कैम को अंजाम देते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- वरिष्ठ नागरिक टैक्स फ्रॉड का आसान शिकार क्यों बनते हैं?
जवाब- वरिष्ठ नागरिक डिजिटल तकनीक और ऑनलाइन स्कैम के नए तरीकों से पूरी तरह परिचित नहीं होते हैं। ऐसे में साइबर अपराधी सरकारी भाषा, डर और जल्दबाजी का इस्तेमाल कर उन्हें भ्रमित कर देते हैं।
टैक्स रिफंड, पेनल्टी या कानूनी नोटिस जैसे शब्द सुनकर कई बुजुर्ग घबरा जाते हैं और बिना जांच किए लिंक पर क्लिक कर देते हैं या जानकारी साझा कर देते हैं। इसके अलावा स्कैमर की भरोसेमंद बातचीत भी उन्हें फ्रॉड का शिकार बनाती है।
सवाल- फेक टैक्स मैसेज या ईमेल की पहचान कैसे करें?
जवाब- कुछ आसान संकेतों से फेक टैक्स मैसेज या ईमेल की पहचान की जा सकती है। ऐसे मैसेज अक्सर डर या लालच पैदा करने वाली भाषा में होते हैं और तुरंत कार्रवाई के लिए दबाव बनाते हैं। जबकि इनकम टैक्स से जुड़ा कोई भी आधिकारिक मैसेज बिना दबाव बनाए स्पष्ट जानकारी देता है। इसके अलावा कुछ और भी संकेत हो सकते हैं। जैसेकि-
- मैसेज/ईमेल में असामान्य जल्दबाजी या डराने वाली भाषा हो।
- भेजने वाले की ईमेल ID सरकारी फॉर्मेट से मेल न खाती हो।
- लिंक पर माउस ले जाने पर वेबसाइट का नाम संदिग्ध दिखे।
- बिना किसी पूर्व सूचना के KYC अपडेट करने को कहा जाए।
- मैसेज में सामान्य शब्दों का इस्तेमाल हो।
- किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी मांगी जाए।
- मैसेज में स्पेलिंग की गलती हो।
सवाल- इनकम टैक्स के नाम पर होने वाले स्कैम से कैसे बचें?
जवाब- इसके लिए सबसे जरूरी है कि बिना वेरिफिकेशन के किसी भी मैसेज या ईमेल पर प्रतिक्रिया न दें। इनकम टैक्स से जुड़ी हर सूचना को आधिकारिक माध्यम से ही वेरिफाई करें। साथ ही कुछ और बातों का भी खास ध्यान रखें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- इनकम टैक्स विभाग टैक्सपेयर्स से कौन सी जानकारी कभी नहीं मांगता है?
जवाब– कुछ ऐसी पर्सनल या सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन होती हैं, जो इनकम टैक्स विभाग कभी भी नहीं मांगता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- अगर गलती से फर्जी लिंक पर क्लिक हो जाए तो तुरंत क्या करना चाहिए?
जवाब- ऐसी स्थिति में घबराने के बजाय तुरंत कुछ कदम उठाना जरूरी है। जैसेकि-
- तुरंत उस वेबसाइट या पेज को बंद कर दें और कोई भी जानकारी न भरें।
- अगर पासवर्ड या लॉगिन डिटेल डाल दी हो तो तुरंत सभी संबंधित अकाउंट के पासवर्ड बदलें।
- तुरंत बैंक या फाइनेंशियल एप्स से जुड़े अकाउंट की एक्टिविटी चेक करें।
- अपने बैंक या कार्ड प्रदाता कंपनी को सूचित करें ताकि वे जरूरी कदम उठा सकें।
- फर्जी ईमेल या लिंक की शिकायत संबंधित साइबर अथॉरिटी या इनकम टैक्स विभाग को करें।
- जल्द सावधानी और सही रिपोर्टिंग से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है।
सवाल- टैक्स से जुड़े फिशिंग ईमेल या SMS की शिकायत कहां और कैसे करें?
जवाब- अगर कोई संदिग्ध ईमेल या मैसेज मिले तो तुरंत उसकी शिकायत [email protected] और [email protected] पर करें। ईमेल भेजते समय ओरिजिनल मैसेज, भेजने वाले की ID और संदिग्ध लिंक जरूर शामिल करें। अगर SMS के जरिए ठगी की कोशिश हुई हो तो उसका स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें। किसी भी तरह की शंका या पुष्टि के लिए इनकम टैक्स की आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर 1800 103 0025 और 08046122000 पर संपर्क करें।

सवाल- बुजुर्गों को साइबर फ्रॉड के बारे में कैसे जागरूक करें?
जवाब- वरिष्ठ नागरिकों को सरल भाषा में आम साइबर स्कैम के बारे में समझाएं। यह बताएं कि कोई भी सरकारी विभाग फोन, SMS या ईमेल से गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है। संदिग्ध मैसेज या कॉल मिलने पर तुरंत परिवार से बताने को कहें। उनके फोन में जरूरी सुरक्षा सेटिंग्स और इमरजेंसी नंबर सेव करके रखें।
समय-समय पर उन्हें फर्जी और असली मैसेज के उदाहरण दिखाकर फर्क समझाएं। टैक्स या बैंक से जुड़ा कोई भी काम अकेले न करने की सलाह दें। लगातार बातचीत, धैर्य और सहयोग से बुजुर्गों को साइबर फ्रॉड से काफी हद तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
सवाल- टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन टैक्स सेफ्टी के लिए किन बुनियादी बातों को जानना जरूरी है?
जवाब- ऑनलाइन टैक्स सेफ्टी के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखें। जैसेकि-
- यह समझें कि सरकारी प्रक्रिया में डराने या जल्दी फैसला करवाने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
- टैक्स से जुड़ी किसी भी सूचना को पहले ठंडे दिमाग से पढ़ना और उसका मतलब समझना जरूरी है।
- यह आदत बनाएं कि हर डिजिटल मैसेज पर तुरंत प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं होता है।
- टैक्स से संबंधित अपडेट खुद नियमित रूप से चेक करने की समझ विकसित करें, न कि मैसेज के भरोसे रहें।
- यह जानना जरूरी है कि दिखने में प्रोफेशनल मैसेज भी फर्जी हो सकता है।
- परिवार में एक-दूसरे से साइबर से जुड़ी जानकारी साझा करने की आदत डालें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट करने की आदत डालें।
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