Iran Israel Tel Aviv War Situation; Benjamin Netanyahu | Operation Sindhu | ‘7 रातों से जाग रहे, इंडिया जाकर ही नींद आएगी’: बरसती मिसाइलों के बीच इजराइल छोड़ रहे भारतीय, बोले- पता नहीं कब लौटेंगे


‘बीते 10 दिन से बहुत डरावना माहौल है। कभी भी सायरन बजने लगता है। सो नहीं पा रहे, कुछ कर नहीं पा रहे। पता नहीं ये सब कहां खत्म होगा। अब बस यहां से जाना चाहता हूं। अब इंडिया जाकर ही सो पाएंगे।’

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जॉर्डन बॉर्डर की ओर जा रही बस में बैठे सुमित सोनकर इजराइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। दो दिन पहले तक उनका भारत लौटने का प्लान नहीं था, लेकिन 22 जून को उनकी यूनिवर्सिटी के पास ईरान की मिसाइल गिरी। इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि अब भारत लौट जाना है। उन्हें डर है कि हालात अभी और खराब होंगे। ये जंग पूरे मिडिल ईस्ट में फैल सकती है।

सुमित की तरह बीते दो दिन में 634 भारतीय इजराइल छोड़ चुके हैं। उन्हें निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। 22 जून की सुबह पहला बैच रवाना हुआ था। तेल अवीव में भारतीय दूतावास में पूरी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन सुबह होने से पहले खबर आ गई कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया है।

पूरे इजराइल में हाई अलर्ट लागू कर दिया गया। फिर भी तय शेड्यूल के मुताबिक, 22 जून की सुबह 162 भारतीयों को बसों से जॉर्डन के लिए भेज दिया गया। ये लोग रास्ते में थे, तभी ईरान की तरफ से बैलिस्टिक मिसाइल का हमला हुआ। सायरन की आवाज गूंजने लगी। इसके बावजूद भारतीयों को इजराइल से शेख हुसैन बॉर्डर के रास्ते जॉर्डन की राजधानी अमान पहुंचा दिया गया।

तेल अवीव से जॉर्डन या इजिप्ट के बॉर्डर तक भारतीयों को छोड़ने के लिए भारतीय दूतावास ने बसों का इंतजाम किया है।

तेल अवीव से जॉर्डन या इजिप्ट के बॉर्डर तक भारतीयों को छोड़ने के लिए भारतीय दूतावास ने बसों का इंतजाम किया है।

अब तक जॉर्डन और इजिप्ट के रास्ते तीन बैच रवाना 23 जून की सुबह भारतीयों का दूसरा और तीसरा बैच रवाना हुआ। हमने भारत लौट रहे लोगों से बात की और उनके अनुभव जाने।

मैत्रेयी, PhD स्टूडेंट यरुशलम, इजराइल मैत्रेयी हिब्रू यूनिवर्सिटी में कैंसर पर रिसर्च कर रही हैं। महाराष्ट्र के नागपुर से हैं और 4 साल से इजराइल की राजधानी यरुशलम में रह रही थीं। अक्टूबर, 2023 के बाद से मैत्रेयी ने इजराइल-हमास युद्ध, फिर इजराइल-हिजबुल्लाह जंग और अब इजराइल-ईरान युद्ध का डर महसूस किया है।

मैत्रेयी कहती हैं, ‘मैं यरुशलम में रहती हूं। वहां इजराइल के दूसरे शहरों जैसा खतरा नहीं रहता। फिर भी बीच-बीच में सायरन बज रहे थे। मैं 6-7 रात से सो नहीं पा रही थी। हमेशा यही डर रहता था कि अब सायरन बज सकता है। हमें पता नहीं चल रहा था कि असल में क्या हो रहा है। बहुत सारी खबरें हम तक पहुंच रही थीं। हमें नहीं समझ आ रहा था कि किस पर यकीन करें।’

‘हम भारतीय दूतावास के कॉन्टैक्ट में थे। उनकी बातें मान रहे थे। हमारी यूनिवर्सिटी ने भी हर मामले में मदद की। मैं जहां रहती हूं, वहां हर फ्लोर पर एक बम शेल्टर है। हमास और हिजबुल्लाह से जंग के वक्त हमें शेल्टर में जाने के लिए सिर्फ एक-डेढ़ मिनट का वक्त मिलता था। अब अलर्ट मिलने के बाद 15 मिनट का टाइम होता है।’

मैत्रेयी आगे कहती हैं, ‘अब इंडिया जा रही हूं, तो राहत महसूस हो रही है। युद्ध में क्या हो रहा है, ये कहां जा रहा है, आगे क्या होगा, आगे क्या करना है, ये सब सवाल मन में थे। इस वजह से ज्यादा तनाव हो रहा था। अमेरिका युद्ध में शामिल हो गया, तब से घबराहट और बढ़ गई थी।’

राधिका, डायमंड कारोबारी बुरसा, इजराइल डायमंड के कारोबार से जुड़ी राधिका 20 साल से इजराइल में रह रही हैं। वे गुजरात से हैं। राधिका कहती हैं, ‘हालात बहुत खराब हैं, इसलिए हम वापस भारत जा रहे हैं। हमले से बचने के लिए इजराइल में अलर्ट और बचाव की बहुत सुविधाएं है। हमें अब भी उतना डर नहीं लगा। बस घर से फोन आता है, तब अंदाजा होता है कि हमारा परिवार ये सब देखकर बहुत ज्यादा घबरा रहा है। हम उन्हें दिलासा ही दे सकते हैं।’

अनन्या, स्टूडेंट यरुशलम, इजराइल पश्चिम बंगाल की रहने वाली अनन्या पाल हिब्रू यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रही हैं। दो साल से इजराइल में हैं। 11 दिन से चल रहे युद्ध की वजह से काफी डरी हुई थीं। इसलिए वापस भारत जाना चाहती थीं। ऑपरेशन सिंधु के तहत वे तेल अवीव से बस में जॉर्डन के लिए निकली हैं। वहां से भारत आएंगी।

अनन्या कहती हैं, ‘इजराइल और ईरान के बीच युद्ध शुरू होने के बाद यहां डरावना माहौल है। मुझे रात में नींद नहीं आ रही। डर लगा रहता है कि कहीं ऐसा न हो कि सायरन बजे और मैं सोती रह जाऊं।’

गायत्री, स्टूडेंट यरुशलम, इजराइल गायत्री एक साल से इजराइल में रह रही हैं। केरल की रहने वाली हैं। अभी हिब्रू यूनिवर्सिटी में PhD कर रही हैं। गायत्री कहती हैं, ‘हमें पता चला कि इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया है, तभी अंदेशा हो गया था कि युद्ध शुरू होगा और ये लंबा चलेगा। फिर अमेरिका भी इसमें शामिल हो गया, तो हमने घर वापस जाने का फैसला किया। अब युद्ध का दायरा बहुत ज्यादा बढ़ सकता है।’

‘मैं इंडिया अपने घर के लिए निकल रही हूं। इजराइल में इंडियन एंबेसी ने हमारा बहुत साथ दिया। वे हमसे लगातार हाल-चाल लेते रहे। मैंने जाने का फैसला लिया, तो एंबेसी में बात की।’

सुमित सोनकर, स्टूडेंट तेल अवीव सुमित सोनकर तेल अवीव में फंसे हुए थे। एक साल से यहां रह रहे हैं। युद्ध की वजह से किसी भी तरह वापस जाना चाहते थे। सुमित कहते हैं, ‘पिछले 10 दिनों से मेरा बहुत खतरनाक अनुभव रहा है। कभी भी सायरन बज सकता है। हमारी नींद ही पूरी नहीं हो पा रही है। हालात और ज्यादा खराब होते जा रही हैं।’

‘घर वाले टीवी पर न्यूज देखकर डर जाते हैं। बार-बार पूछते हैं, परेशान होते हैं। उन्हें लगता है कि यहां हालात खराब हैं। अब तक 5 किमी, 7 किमी दूर मिसाइलें गिर रही थीं, अब दो किमी दूर गिर रही हैं। एक दिन पहले मेरी यूनिवर्सिटी के पास एक मिसाइल गिरी थी। पूरी बिल्डिंग हिल गई।’

भारत सरकार ने कंट्रोल रूम बनाया, PMO से दो बार रिव्यू इजराइल में भारत के राजदूत जेपी सिंह ऑपरेशन सिंधु को लीड कर रहे हैं। भारतीय दूतावास की टीमें भारतीयों के कॉन्टैक्ट में हैं। जेपी सिंह बताते हैं, ‘इजराइल में जो कुछ हो रहा है, 13 जून से हम उसे मॉनिटर कर रहे हैं। हमने कंट्रोल रूम बनाया है, जो 24 घंटे काम करता है। इजराइल में रहने वाले भारतीयों में ज्यादातर स्टूडेंट हैं। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन वर्कर, केयरगिवर्स और कारोबारी हैं।’

भारत लौट रहे लोग तेल अवीव में भारतीय दूतावास पहुंच रहे हैं। इसके बाद उन्हें बसों के जरिए जॉर्डन या इजिप्ट भेजा जा रहा है।

भारत लौट रहे लोग तेल अवीव में भारतीय दूतावास पहुंच रहे हैं। इसके बाद उन्हें बसों के जरिए जॉर्डन या इजिप्ट भेजा जा रहा है।

जेपी सिंह बताते हैं, ‘एंबेसी लगातार इन लोगों से कॉन्टैक्ट में है। PMO और विदेश मंत्री ऑपरेशन सिंधु का दिन में कम से कम दो बार रिव्यू कर रहे हैं। हम बदलते हालात के आधार पर फैसले लेकर काम कर रहे हैं। अब तक की योजना के मुताबिक 2 दिन और लोगों को यहां से निकालेंगे। फिर हमारे पास जैसा फीडबैक आता रहेगा, उसके आधार पर फैसले लेंगे।’

‘इजराइल में रहने वाले भारतीय जब तक वापस अपने देश जाना चाहते हैं, ये मिशन जारी रहेगा।’

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हमें कहा गया है कि जितने भी भारतीय इजराइल में रहते हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। भारतीय नागरिकों को तकलीफ न हो, हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं।

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‘भारत सरकार की पॉलिसी है, अगर विदेश में किसी भारतीय को दिक्कत आती है, तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। लोगों को इजराइल से भारत ले जाने के लिए सारा खर्च सरकार उठा रही है। ट्रांसपोर्ट के लिए बसें, खाने का इंतजाम, रुकने के लिए होटल, फ्लाइट का खर्च भी सरकार कर रही है।’

‘भारतीयों का बैच रवाना करने से पहले हम एंबेसी से एक टीम बॉर्डर के लिए रवाना करते हैं ताकि लोगों को बॉर्डर पर इंतजार न करना पड़े।’

तेल अवीव से भारत आ रहे लोगों के लिए सारा इंतजाम सरकार कर रही है। इसमें एयरपोर्ट तक लाना, रुकना, खाना और फ्लाइट सब शामिल है।

तेल अवीव से भारत आ रहे लोगों के लिए सारा इंतजाम सरकार कर रही है। इसमें एयरपोर्ट तक लाना, रुकना, खाना और फ्लाइट सब शामिल है।

जेपी सिंह बताते हैं, ‘इजराइल में रहने वाले भारतीय इंडिया जाना चाहते हैं, तो भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकते है। हम किसी को इंडिया जाने के लिए जबरदस्ती नहीं कर रहे, लेकिन कोई जाना चाहता है तो हम उसे वापस ले जाएंगे। पिछले कुछ साल में हमने ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन देवी शक्ति, ऑपरेशन अजय के तहत दुनिया में कहीं भी फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सबसे पहले पहल की है।’

इजराइल से 600 से ज्यादा भारतीयों को निकाला भारत सरकार ने इजराइल से भारत लौटने वाले भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए 19 जून को ऑपरेशन सिंधु का ऐलान किया था। भारतीय दूतावास ने नागरिकों से गुजारिश की थी कि वे रजिस्ट्रेशन करा लें। इजराइल में 40 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिक हैं। इनमें एक हजार से ज्यादा स्टूडेंट और बाकी कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और प्रोफेशनल्स हैं।

जेपी सिंह बताते हैं, ‘ऑपरेशन सिंधु के तहत 22 जून को 162 भारतीयों को जॉर्डन के रास्ते इजराइल से रवाना किया गया है। 23 जून को 182 भारतीयों को फिर से जॉर्डन के रास्ते भेजा गया है। तीसरे बैच में 290 लोगों को इजिप्ट के रास्ते रवाना किया है।’

‘इजराइल से निकलने के बाद जॉर्डन में भारतीय विदेश मंत्रालय की टीमें सीमा के उस पार भारतीयों को रिसीव करने के लिए तैनात हैं। सीमा पर भारतीयों को क्रॉसिंग में दिक्कत न हो, वो इसे सुनिश्चित करेंगे। वहीं इजिप्ट में भारतीय राजदूत की टीम इजिप्ट बॉर्डर पर भारतीयों का इंतजार कर रही है। उन्हें शर्म-अल-शेख ले जाया जाएगा। इसके बाद इंडियन एयरफोर्स का प्लेन भारतीयों को लेकर दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा।’

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से तीन और फ्लाइट चलेंगी इजराइल से 472 भारतीयों का बैच 23 जून को भारत के लिए निकला है। सभी लोग दो ग्रुप में निकाले गए हैं। उधर, ईरान से भी भारतीयों को निकाला जा रहा है।

फोटो 22 जून की है, जब ईरान से भारतीय नागरिक दिल्ली लाए गए थे। विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा उनकी अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे।

फोटो 22 जून की है, जब ईरान से भारतीय नागरिक दिल्ली लाए गए थे। विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा उनकी अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे।

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने 22 जून को कहा कि भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के तहत अगले दो से तीन दिन में ईरान से तीन और फ्लाइट शुरू की हैं। उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर ये बात कही, जहां ईरान से 285 भारतीय नागरिकों का बैच पहुंचा था। 22 जून तक ईरान से 1713 लोग ईरान से लाए जा चुके हैं।

ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागीं ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हमलों का बदला लेने के लिए कतर में अमेरिका के अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर 6 मिसाइलें दागी। ये एयरबेस मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। यहां करीब 8,000 से 10,000 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर की राजधानी दोहा में धमाकों की आवाज सुनी गई है। हालांकि, कतर के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को रोक दिया है। कतर ने ईरान को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। कतर ने हमले से कुछ देर पहले ही अपना एयरस्पेस बंद किया था।

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने कतर में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हमले की पुष्टि की है। IRGC ने इसे अमेरिका की तरफ से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले का जवाब बताया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर आगे कोई मिलिट्री कार्रवाई हुई तो उसका जवाब और मजबूती से दिया जाएगा।

इजराइल ने तेहरान में लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी इजराइली सेना ने तेहरान के लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी जारी की है। इजराइली सेना ने कहा है कि वो आने वाले दिनों में तेहरान के आसपास सैन्य ठिकानों पर हमले जारी रखेगी। सेना ने अपने बयान में तेहरान के नागरिकों को सरकार से जुड़ी हथियारों की प्रोडक्शन यूनिट, आर्मी हेडक्वॉर्टर और सुरक्षा संस्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।

ट्रम्प का दावा- ईरान-इजराइल सीजफायर पर सहमत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार तड़के 3:30 बजे ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर का दावा किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा- मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर 12 घंटे में, यानी अब से 6 घंटे बाद लागू होगा। पहले 12 घंटे में ईरान और उससे अगले 12 घंटे में इजराइल सीजफायर करेगा।

हालांकि, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने सीजफायर पर सहमति को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इजराइल के साथ अभी कोई अंतिम युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। अगर इजराइल, ईरानियों पर अपने गैरकानूनी हमले रोक देता है, तो ईरान जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। ………………………………….

ईरान-इजराइल जंग पर ग्राउंड जीरो से ये स्टोरी भी पढ़िए…

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