Jordan King Abdullah II Interesting Facts; PM Modi | Paigambar Muhammad | किंग अब्दुल्ला से हुसैनिया पैलेस में मिले पीएम मोदी: पैगंबर मोहम्मद के 41वें वंशज, पत्नी सबसे खूबसूरत क्वीन में शुमार; जॉर्डन किंग के किस्से


मिडिल ईस्ट में सऊदी अरब और इजराइल के बीच एक छोटा का मुल्क है- जॉर्डन। पीएम नरेंद्र मोदी 15 और 16 दिसंबर को यहीं के दौरे पर हैं। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II के आलीशान हुसैनिया पैलेस में सोमवार शाम पीएम मोदी का स्वागत हुआ।

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किंग अब्दुल्ला को पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी का वंशज माना जाता है। उनका परिवार 1400 साल से जॉर्डन पर राज कर रहा है। अब्दुल्ला का नाम सबसे अमीर किंग और उनकी पत्नी का सबसे खूबसूरत क्वीन में शुमार होता है।

इस स्टोरी में जानेंगे, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय की कहानी और उनसे जुड़े रोचक किस्से…

15 दिसंबर की शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की।

15 दिसंबर की शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की।

तारीख 30 जनवरी 1962 और जगह जॉर्डन की राजधानी अम्मान। किंग हुसैन और उनकी दूसरी पत्नी प्रिंसेस मुना के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। किंग हुसैन की ये पहली संतान थी। उन्होंने दादा अब्दुल्ला के नाम पर उस बच्चे का नाम रखा- अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन।

कायदे से किंग का सबसे बड़ा बेटा क्राउन प्रिंस बनता है। इसलिए अब्दुल्ला द्वितीय जन्म से ही क्राउन प्रिंस बने। हालांकि जब वे 3 साल के हुए तो मिडिल ईस्ट में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई। ऐसे में किंग हुसैन ने छोटे भाई हसन बिन तलाल को क्राउन प्रिंस बना दिया। दरअसल, क्राउन-प्रिंस राजा की मौत या उनके गद्दी छोड़ने के बाद देश का राजा बनता है।

अब्दुल्ला की शुरुआती पढ़ाई अम्मान के इस्लामिक एजुकेशनल कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के सेंट एडमंड्स स्कूल और अमेरिका के डियरफील्ड एकेडमी से स्कूली पढ़ाई पूरी की। अब्दुल्ला की बचपन से ही आर्मी और हथियारों में दिलचस्पी थी। 1980 में उन्होंने इंग्लैंड की ब्रिटिश रॉयल मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ली और ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

इसके बाद उन्होंने कुछ समय ब्रिटिश आर्म्ड फोर्सेस में काम किया। फिर जॉर्डन आर्म्ड फोर्सेस जॉइन की। 1993 में स्पेशल फोर्सेस के डिप्टी कमांडर और अगले साल कमांडर बने।

9 साल छोटी एक आम लड़की से पहली नजर में प्यार, 6 महीने बाद शादी

साल 1992 के आखिरी महीने का किस्सा है। एक शाम अब्दुला एक डिनर पार्टी में गए। वे साथियों के साथ शाम का लुफ्त उठा रहे थे। तभी वहां एक फिलिस्तीनी लड़की ने कदम रखे। नाम था- रानिया अल-यासीन।

पहली ही नजर में 31 साल के अब्दुल्ला के दिल में 23 साल की रानिया बस गई। रानिया को भी उनसे प्यार हो गया। दोनों के बीच गुफ्तगू हुई। फिर दोस्ती और मोहब्बत तक बात पहुंच गई।

पहली मुलाकात के 6 महीने बाद अब्दुला और रानिया ने सगाई कर ली और फिर 10 जून 1993 को अम्मान के जहरान पैलेस में शादी। शादी के वक्त अब्दुला ने अपनी सैन्य वर्दी पहनी हुई थी और कमर पर एक तलवार लगाई थी। वहीं रानिया ने सोने की किनारी वाला छोटी आस्तीन का गाउन पहना था। साथ में सुनहरा बेल्ट, सफेद जैकेट और दस्ताने पहने थे।

10 जून 1993 को अब्दुल्ला ने रानिया से शादी की। तब अब्दुल्ला जॉर्डन आर्मी की स्पेशल फोर्स के डिप्टी कमांडर थे।

10 जून 1993 को अब्दुल्ला ने रानिया से शादी की। तब अब्दुल्ला जॉर्डन आर्मी की स्पेशल फोर्स के डिप्टी कमांडर थे।

रानिया किसी शाही परिवार से नहीं थीं। फिर भी अब्दुल्ला का परिवार इस शादी के लिए राजी हो गया। दरअसल, रानिया का जन्म 31 अगस्त 1970 को वेस्ट बैंक के एक फिलिस्तीनी परिवार में हुआ था। पिता फैजल डॉक्टर थे। बाद में वे काम के सिलसिले में परिवार के साथ कुवैत चले गए, लेकिन 1990 में उन्हें कुवैत से जॉर्डन आना पड़ा।

इस दौरान रानिया काहिरा की अमेरिकन यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रही थीं। पढ़ाई पूरी होने के बाद वे जॉर्डन आईं। पहले एक बैंक में और फिर एपल कंपनी उन्होंने काम किया। आज रानिया जॉर्डन की महारानी हैं। उनके 4 बच्चे हैं- प्रिंस हुसैन, प्रिंसेस इमान, प्रिंसेस सलमा और प्रिंस हाशेम।

रानिया महिलाओं और बच्चों की पढ़ाई, अधिकार और पोषण के लिए काम करती हैं। इसके लिए प्रोग्राम्स चलाती हैं। सोशल मीडिया और ग्लोबल समिस्ट्स में एक्टिव रहती हैं। अक्सर वे अपने मॉडर्न लुक, डिजाइनर कपड़ों, ज्वेलरी और मेकअप के लिए सुर्खियों में छाई रहती हैं। रानिया दुनिया की सबसे सुंदर और मिलनसार महारानियों में शुमार हैं।

पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी होने के बावजूद किंग अब्दुल्ला की फैमिली, दुनिया की सबसे मॉडर्न फैमिली में शुमार है।

पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी होने के बावजूद किंग अब्दुल्ला की फैमिली, दुनिया की सबसे मॉडर्न फैमिली में शुमार है।

दूसरी बार क्राउन प्रिंस बने, 2 हफ्ते बाद मिली जॉर्डन की गद्दी

किस्सा है जनवरी 1999 का। 63 साल के किंग हुसैन 46 साल से जॉर्डन की गद्दी संभाल रहे थे, लेकिन कैंसर से जूझ रहे थे। एक दिन अचानक से उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उनके बचने की उम्मीद दिन-ब-दिन कम हो रही थी।

फिर एक दिन अस्पताल से एक चिट्ठी आई, जिसने पूरे देश में हंगामा मचा दिया। ये चिट्ठी क्राउन प्रिंस तलाल के लिए थी। इसमें लिखा था कि किंग हुसैन छोटे भाई क्राउन प्रिंस हसन बिन तलाल से काफी नाराज हैं। उन्होंने तलाल पर सत्ता के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया। इसके चलते तलाल को क्राउन प्रिंस के पद हटा दिया गया।

कहा गया कि किंग हुसैन को अपने आखिरी दिनों में लगा कि बेटे को ही उत्तराधिकारी बनाना सही रहेगा। ऐसे में उन्होंने सबसे बड़े बेटे अब्दुल्ला द्वितीय को दोबारा क्राउन प्रिंस बनाया। दोबारा इसलिए, क्योंकि अब्दुल्ला जन्म से ही क्राउन प्रिंस थे। लेकिन जब वे 3 साल के हुए तो मिडिल ईस्ट में उठापटक शुरू हो गई। ऐसे में किंग हुसैन ने 1965 में छोटे भाई हसन बिन तलाल को क्राउन प्रिंस बना दिया।

अब्दुल्ला के क्राउन प्रिंस बनने के 2 हफ्ते बाद 7 फरवरी 1999 को किंग हुसैन चल बसे। इसी दिन अब्दुल्ला जॉर्डन के नए राजा बने। हालांकि 4 महीने बाद 9 जून 1999 को उनका राज्याभिषेक हुआ।

7 फरवरी 1999 को अब्दुल्ला द्वितीय ने जॉर्डन के राजा के तौर पर शपथ ली।

7 फरवरी 1999 को अब्दुल्ला द्वितीय ने जॉर्डन के राजा के तौर पर शपथ ली।

सौतेले भाई को पहले प्रिंस बनाया, फिर 5 साल बाद हटाया; आज नजरबंद

अब्दुल्ला ने सत्ता संभालते ही सौतेले भाई प्रिंस हमजा को क्राउन प्रिंस बनाया। कहा गया कि ये भाई-भाई का प्यार है। लेकिन बात कुछ और थी।

दरअसल, किंग हुसैन ने 4 शादियां की थी। हमजा उनकी चौथी बेगम नूर अल-हुसैन का बेटा था। नूर चाहती थीं कि हुसैन के बाद हमजा राजा बने और वे खुद राजमाता। किंग हुसैन को भी अपनी 11 संतानों में से हमजा सबसे ज्यादा प्यारा था। वे उसे आंखों का सुकून कहते।

इतना चहेता होने के कारण किंग हुसैन ने मरते वक्त अब्दुल्ला से कहा कि राजा बनते ही वे हमजा को क्राउन प्रिंस बनाए। अब्दुल्ला ने ठीक ऐसा किया, लेकिन 5 साल बाद सबकुछ बदल गया।

नवंबर 2008 में अब्दुल्ला ने हमजा को क्राउन प्रिंस के पद से हटा दिया। अब्दुल्ला ने हमजा को एक चिट्ठी भी लिखी, ‘इस पद के कारण से तुम कुछ जरूरी जिम्मेदारियां नहीं उठा पा रहे हो। जॉर्डन को तुम्हारी जरूरत है। ऐसे में मैंने तुम्हें क्राउन प्रिंस के पद से हटाने का फैसला किया है। उम्मीद है तुम राजा के प्रति वफादार बने रहोगे।’

नवंबर 2008 में किंग अब्दुल्ला ने हमजा को क्राउन प्रिंस के पद से हटा दिया था।

नवंबर 2008 में किंग अब्दुल्ला ने हमजा को क्राउन प्रिंस के पद से हटा दिया था।

चिट्ठी की बातें तो अच्छी थी, लेकिन मकसद कुछ और था। दरअसल, अब्दुल्ला हमजा को हटाकर अपने बेटे हुसैन के लिए रास्ता बना रहे थे। जुलाई 2009 में उन्होंने हुसैन को क्राउन प्रिंस बना भी दिया।

फिर अप्रैल 2021 में खबरें आईं कि पूर्व क्राउन प्रिंस हमजा को उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया है। उनकी सिक्योरिटी हटा ली गई है और उन्हें घर से नहीं निकलने दिया जा रहा। किसी से मिलने, बात करने, फोन और इंटरनेट पर भी रोक लगा दी गई।

तब जॉर्डन के डिप्टी पीएम ऐमान सफादी ने कहा कि प्रिंस हमजा जॉर्डन की सुरक्षा और स्थिरता के खिलाफ काम कर रहे थे। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है। हमजा पर तख्तापलट का आरोप लगा।

ISIS के आतंकियों को मारने खुद उड़ाया फाइटर जेट!

साल 2015 और तारीख 2 फरवरी। आतंकी संगठन ISIS ने 22 मिनट का एक वीडियो जारी किया। इसमें जॉर्डन के पायलट लेफ्टिनेंट मुआथ अल-कसासबह से पहले पूछताछ की गई। फिर उसे पिंजरे में बंद करके जिंदा जला दिया गया।

दरअसल, पिछले साल दिसंबर में 27 साल के मुआथ का F-16 फाइटर जेट सीरिया में ISIS के खिलाफ एक मिशन में क्रैश हो गया था। इसके बाद ISIS ने उन्हें पकड़ लिया।

ISIS की ओर से ये तस्वीर जारी की गई थी, जिसमें बीच में (ब्लर इमेज) जॉर्डन का फाइटर पायलट मुआथ नजर आ रहा है।

ISIS की ओर से ये तस्वीर जारी की गई थी, जिसमें बीच में (ब्लर इमेज) जॉर्डन का फाइटर पायलट मुआथ नजर आ रहा है।

मुआथ की मौत का वीडियो देखकर जॉर्डन में गुस्सा फूट पड़ा। लोग सड़कों पर उतर आए। ‘बदला लो!’ के नारे लगने लगे। उस वक्त किंग अब्दुल्ला अमेरिका में थे। जैसे ही खबर मिली, वो फौरन जॉर्डन लौट आए। अम्मान एयरपोर्ट से अब्दुल्ला सीधे मुआथ के परिवार से मिलने गए। वहां उन्होंने कहा, ‘ये कायरों की हरकत है। ISIS न सिर्फ जॉर्डन से लड़ रहा है, बल्कि इस्लाम और इंसानियत से भी। हम इसका जवाब इतना जोरदार देंगे कि धरती हिल जाएगी।’

अगले ही दिन जॉर्डन ने ISIS के 2 आतंकियों को फांसी दे दी। इसके बाद किंग अब्दुल्ला ने ‘ऑपरेशन शहीद मुआथ’ लॉन्च किया। 3 दिन के इस ऑपरेशन में जॉर्डन की एयर फोर्स ने सीरिया में मौजूद ISIS के ठिकानों पर जोरदार बमबारी की। इसमें 56 आतंकी मारे गए।

इस बीच किंग अब्दुल्ला की एक फोटो वायरल हुई, जिसमें वो जंग वाली वर्दी में नजर आए। सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि किंग खुद फाइटर जेट उड़ा रहे हैं। वो ISIS पर बम बरसा रहे हैं। अब्दुल्ला को ‘वॉरियर किंग’ कहा जाने लगा। हालांकि कुछ देर बाद साफ हो गया कि ये सब अफवाह है और अब्दुल्ला ने खुद जेट नहीं उड़ा। उन्होंने सिर्फ ऑपरेशन की कमान संभाली।

फिर भी इस घटना ने किंग अब्दुल्ला की इमेज को और मजबूत कर दिया। वो एक ऐसे नेता बने जो अपने देश और सैनिकों के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

किंग अब्दुल्ला की ये तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वे आर्मी की वर्दी में नजर आ रहे हैं।

किंग अब्दुल्ला की ये तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वे आर्मी की वर्दी में नजर आ रहे हैं।

दुनिया के सबसे अमीर राजाओं में शुमार; 6,750 करोड़ की संपत्ति, 12 पैलेस

किंग अब्दुल्ला के अनुमानित पर्सनल प्रॉपर्टी करीब 750 मिलियन डॉलर यानी 6,750 करोड़ रुपए है। इसमें उनकी विरासत, रियल एस्टेट, इन्वेस्टमेंट्स और अन्य इनकम शामिल है। दुनिया के सबसे अमीर राजाओं में अब्दुल्ला का नाम शुमार है। हालांकि उनकी सैलरी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

अब्दुल्ला के पास 12 पैलेस हैं, जिनका इस्तेमाल शाही परिवार घर और ऑफिस के तौर पर करता है। उनके शाही परिवार और महलों पर सालाना 35 मिलियन डॉलर यानी 300 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाते हैं।

ये रागदान पैलेस की तस्वीर है, जहां किंग अब्दुल्ला और उनका शाही परिवार रहता है।

ये रागदान पैलेस की तस्वीर है, जहां किंग अब्दुल्ला और उनका शाही परिवार रहता है।

इसके अलावा उनके पास एक रॉयल ऑटोमोबाइल म्यूजियम है, जिसमें 80 से ज्यादा कार और बाइक हैं। इसमें रोल्स-रॉयस, बुगाटी वेरोन, पोर्श, एस्टन मार्टिन, मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें शामिल हैं। वहीं हार्ले-डेविडसन, BMW, Zundapp KS जैसी आलीशान बाइक हैं। इसके अलावा उनके पास 3 एयरक्राफ्ट और 1 यॉट है। अब्दुल्ला को सबसे मॉडर्न किंग भी माना जाता है।

पैंडोरा पेपर्स, स्विस सीक्रेट्स से अब्दुल्ला की 3,200 करोड़ की संपत्ति उजागर

अक्टूबर 2021 में पैंडोरा पेपर्स का खुलासा हुआ, जिसमें 1.19 लाख दस्तावेज और 2.9 टीबी डेटा लीक हुआ। इसमें पता चला कि किंग अब्दुल्ला ने 2003 से 2017 के बीच गुप्त रूप से अमेरिका और ब्रिटेन में 14 लग्जरी संपत्तियां खरीदीं।

इनकी कीमत करीब 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 900 करोड़ है। इसमें मालिबू बीच की 3 आलीशान हवेली, वॉशिंगटन डीसी के 3 लक्जरी अपार्टमेंट, लंदन और एस्कॉट के कई घर शामिल हैं।

फरवरी 2022 में स्विट्जरलैंड के ‘क्रेडिट सुइस’ बैंक के 18 हजार खातों का डेटा लीक हुआ। इसका नाम रखा गया- स्विस सीक्रेट्स। इसमें किंग अब्दुल्ला के 6 सीक्रेट अकाउंट मिले, जिनमें करीब 250 मिलियन डॉलर यानी 2250 करोड़ रुपए जमा थे।

इस पर रॉयल हाशेमाइट कोर्ट ने कहा, यह पैसा राजा अब्दुल्ला का निजी। इसका इस्तेमाल सुरक्षा, रॉयल प्रोजेक्ट्स, निजी खर्च और इस्लामी पवित्र स्थलों के रखरखाव के लिए किया जाता है।

7 बेडरूम वाला यह घर कैलिफोर्निया के मालिबू बीच में है, जिसके मालिक किंग अब्दुल्ला हैं। इसकी कीमत करीब 34 मिलियन डॉलर है।

7 बेडरूम वाला यह घर कैलिफोर्निया के मालिबू बीच में है, जिसके मालिक किंग अब्दुल्ला हैं। इसकी कीमत करीब 34 मिलियन डॉलर है।

अपने पसंदीदा ‘स्टार ट्रेक’ सीरियल में एक्टिंग की

जब अब्दुल्ला 34 साल के थे, तब उन्हें स्पेस एडवेंचर, एलियंस और स्टारशिप में काफी दिलचस्पी थी। इसी के चलते वे एक साइंस फिक्शन सीरियल ‘स्टार ट्रेक: वॉयजर’ के फैन बन गए। एक बार जब वे इसकी शूटिंग देखने कैलिफोर्निया के पैरामाउंट स्टूडियो पहुंचे तो सीरियल के प्रोड्यूसर्स ने उन्हें एक छोटा रोल ऑफर किया। अब्दुल्ला ने खुशी-खुशी ऑफर अपना लिया।

13 मार्च 1996 को पब्लिश हुए शो में अब्दुल्ला एक साइंस ऑफिसर के तौर पर नजर आए। हालांकि उन्होंने न तो डायलॉब बोल और न ही क्रेडिट लिया। कुछ ही सेकंड के लिए वे स्क्रीन पर नजर आए।

एक फैन के तौर पर अब्दुल्ला इतना खुश हुए कि उन्होंने शो के दो एक्टर्स- इथन फिलिप्स और रॉबर्ट पिकार्डो को जॉर्डन आने का न्योता दे दिया। बाद वे दोनों जॉर्डन गए भी।

सीरियल 'स्टार ट्रेक' में किंग अब्दुल्ला ने एक साइंस ऑफिसर का रोल किया था।

सीरियल ‘स्टार ट्रेक’ में किंग अब्दुल्ला ने एक साइंस ऑफिसर का रोल किया था।

कार रेसिंग, स्कूबा डाइविंग, स्काइ डाइविंग के शौकीन

1980 के दशक में स्पेशल फोर्सेस के कमांडो रह चुके किंग अब्दुल्ला को एडवेंचर गेम्स बहुत पसंद है। उनका कार रेसिंग से बहुत जुड़ाव है। वे 1986 और 1988 में जॉर्डनियन डेजर्ट रैलियों में चैंपियन बने।​ उन्होंने रेगिस्तान में कई रैलियां भी जीतीं।

2000 में अब्दुल्ला ने जॉर्डन में बनी ‘Black Iris’ रैली कार खुद चलाई, जो यंग रैली ड्राइवरों के लिए सस्ती कार थी।​ आज भी वे रैली से पहले ट्रैक चेक करने वाली ‘जीरो कार’ चलाते हैं।

इसके अलावा वे एक क्वालिफाइड फ्रॉगमैन यानी पेशेवर सैन्य गोताखोर हैं। रेड सी पर बना शहर अकाबा उनकी पसंदीदा स्कूबाडाइविंग जगह है। वे अपने बेटे क्राउन प्रिंस हुसैन के साथ समुद्र की गहराई में जाकर कचरा साफ करने के लिए क्लीन-अप डाइव्स भी करते हैं।

किंग अब्दुल्ला को स्कूबा डाइविंग का काफी शौक है। उन्हें समुद्र की तलहटी में जाकर वहां के नजारे दिखना और उन्हें समझना काफी पसंद है।

किंग अब्दुल्ला को स्कूबा डाइविंग का काफी शौक है। उन्हें समुद्र की तलहटी में जाकर वहां के नजारे दिखना और उन्हें समझना काफी पसंद है।

अब्दुल्ला को स्काईडाइविंग और पैराशूटिंग का भी शौक है। वे फ्री-फॉल पैराशूटिस्ट हैं। यानी जो प्लेन से कूदकर कुछ समय तक बिना पैराशूट खोले हवा में गिरते हैं और तय ऊंचाई पर पैराशूट खोलकर फिर जमीन पर उतरते है।

किंग बनने से पहले वे रेगुलर स्काईडाइविंग करते थे, लेकिन अब सुरक्षा कारणों से वे ये शौक पूरा नहीं कर पाते। हालांकि स्पेशल फोर्सेस की ट्रेनिंग में जंप मास्टर बनकर जवानों का हौसला बढ़ाते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला से हुसैनिया पैलेस में मुलाकात की। हुसैनिया पैलेस पहुंचने पर पीएम का औपचारिक स्वागत किया गया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक भी की। पूरी खबर पढ़ें…

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