Mango Side Effects; Calcium Carbide Ripened Mango Health Risk | FSSAI | जरूरत की खबर- कैल्शियम कार्बाइड से पका आम नुकसानदायक: FSSAI ने दी चेतावनी, आम खरीदने से पहले रहें सतर्क, ऐसे करें पहचान


9 दिन पहलेलेखक: संदीप सिंह

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भारतीय बाजारों में आम का सीजन शुरू हो चुका है। आम गर्मियों के सबसे पसंदीदा फलों में से एक है। यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।

हालांकि आम की बढ़ती मांग के बीच कुछ लोग इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल्स का सहारा लेते हैं। खासतौर पर इसके लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल करते हैं, जो सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है।

इसी को ध्यान में रखते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि जो लोग इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, उनके खिलाफ FSS अधिनियम, 2006 और उससे जुड़े नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि कैल्शियम कार्बाइड से पके आम खाना सेहत के लिए क्यों खतरनाक है? साथ ही जानेंगे कि-

  • आम को पकाने का नेचुरल तरीका क्या है?
  • केमिकल से पके फल बेचने पर क्या कार्रवाई हो सकती हैं?

एक्सपर्ट: डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ

चतुर्भुज मीणा, स्टेट फूड एनालिस्ट, झारखंड

सवाल- कैल्शियम कार्बाइड क्या है?

जवाब- कैल्शियम कार्बाइड एक केमिकल है, जो आमतौर पर फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होता है। कुछ लोग इसका इस्तेमाल अवैध तरीके से फलों को जल्दी पकाने के लिए करते हैं। ऐसे फल बाहर से पके हुए लगते हैं, लेकिन अंदर से कच्चे रह सकते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। यही वजह है कि भारत सरकार ने फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है।

सवाल- कैल्शियम कार्बाइड से पके आम खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है?

जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए आम में नेचुरल मिठास और पोषण की मात्रा कम होती है। साथ ही यह पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक इन्हें खाने से गैस, एसिडिटी और लिवर डिसऑर्डर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए ये आम ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।

सवाल- क्या पहले भी आम को कैल्शियम कार्बाइड से पकाने के मामले सामने आए हैं?

जवाब- हां, ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। 21 जून 2024 को तमिलनाडु में खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक गोदाम से लगभग 7.5 टन आम जब्त किए थे। जांच में सामने आया कि इन आमों को कैल्शियम कार्बाइड से कृत्रिम रूप से पकाया गया था।

सवाल- केमिकल से पके आम की पहचान कैसे कर सकते हैं?जवाब- गर्मियों में बाजार में रंग-बिरंगे आमों की भरमार होती है, आम के स्वाद, रंग, खुशबू और बनावट से आप काफी हद तक पहचान सकते हैं कि वह नेचुरल रूप से पका है या केमिकल से। इसके लिए इन पॉइंट्स को देखिए-

रंग से पहचानें अगर आम बाहर से एकदम चमकदार पीला और अंदर से सख्त है तो वह केमिकल से पका हो सकता है। नेचुरल आम का रंग थोड़ा असमान होता है।

खुशबू पर ध्यान दें नेचुरल आम से मीठी और ताजा खुशबू आती है, जबकि केमिकल से पके आम में या तो कोई खुशबू नहीं होती या हल्की तीखी गंध आ सकती है।

स्वाद से फर्क समझें केमिकल से पके आम का स्वाद फीका या अजीब लग सकता है। उसमें कम होती है।

छूने पर बनावट समझें अगर आम को छूने पर वह बहुत ज्यादा नरम लग रहा है या सख्त है, तो हो सकता है कि उसे केमिकल से पकाया गया हो। नेचुरल आम हल्के नरम होते हैं।

सवाल- घर पर आम को नेचुरल तरीके से कैसे पकाया जा सकता है?

जवाब- आम को घर पर पकाने के लिए कागज में लपेटकर कमरे के तापमान पर रखें या भूसे में दबाकर रखें। 2-3 दिन में आम नेचुरल रूप से पक जाएगा। यह तरीका सुरक्षित होता है। ऐसे आम खाने से सेहत को नुकसान नहीं होता है।

सवाल- अगर कोई दुकानदार केमिकल से आम पका रहा है तो उसके खिलाफ कहां शिकायत कर सकते हैं?

जवाब- हर राज्य में खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग होता है। आप अपने जिले के अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही यह मामला सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा है, इसलिए आप पुलिस या नगर निगम से भी शिकायत कर सकते हैं।

सवाल- केमिकल से फल पकाने पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

जवाब- फूड सेफ्टी अधिकारी चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि अगर कोई दुकानदार या व्यापारी केमिकल से फल पकाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। इसमें भारी जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना, और जरूरत पड़ने पर कानूनी सजा भी दी जा सकती है।

इसे नीचे दिए पॉइंटर्स से समझिए-

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006

केमिकल से फल पकाना इस अधिनियम के तहत गैर-कानूनी है। इसके लिए जुर्माना, लाइसेंस रद्द, और कानूनी सजा तक का प्रावधान है।

BNS की धारा 149

अगर कोई व्यक्ति किसी खाद्य या पेय पदार्थ में इस प्रकार मिलावट करता है तो उसे 6 महीने तक की सजा या जुर्माना (जो निर्धारित किया गया है) या दोनों हो सकते हैं।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम

अगर उपभोक्ता की सेहत पर असर होता है तो व्यापारी पर कंपनसेशन और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

सवाल- क्या सिर्फ आम ही इस तरह पकाए जाते हैं?

जवाब- नहीं, केले, पपीते, चीकू जैसे दूसरे फल भी कैल्शियम कार्बाइड से पकाए जाते हैं, जो सभी के लिए सेहत पर हानिकारक असर डाल सकते हैं।

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