
1 घंटे पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व शरीर के हर छोटे-बड़े काम को सपोर्ट करते हैं। लेकिन जब ये जरूरी न्यूट्रिएंट्स डाइट से पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते या शरीर इन्हें सही तरह से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता तो धीरे-धीरे इसके संकेत दिखने लगते हैं। इस स्थिति को ही पोषक तत्वों की कमी यानी न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी कहा जाता है।
शुरुआत में इसकी पहचान लगातार थकान, हड्डियों में दर्द, बालों के झड़ने और स्किन के ड्राई होने जैसे मामूली संकेतों से होती है। इन्हें इग्नोर करने पर यही समस्याएं आगे चलकर गंभीर हेल्थ कंडीशन्स का रूप ले सकती हैं। लंबे समय तक पोषक तत्वों की कमी रहने से इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे इन्फेक्शन और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि शुरुआती संकेत पहचानकर अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव किए जाएं तो न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी के क्या संकेत हैं?
- इससे बचने के लिए डाइट में कौन-से फूड्स शामिल करने चाहिए?
एक्सपर्ट: डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ
सवाल- शरीर को स्वस्थ रहने के लिए किन पोषक तत्वों की जरूरत होती है?
जवाब- शरीर को फिट और एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए डाइट में कई विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट्स की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व अलग-अलग तरह से शरीर को सपोर्ट देते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- शरीर में पोषक तत्वों की कमी के क्या संकेत हैं?
जवाब- शरीर में पोषक तत्वों की कमी धीरे-धीरे कई तरह के संकेतों के रूप में सामने आती है। इसे नीचे दिए गए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- कौन सा लक्षण किस न्यूट्रिएंट की कमी का संकेत है?
जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि शरीर के लक्षणों के आधार पर कई बार न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जैसेकि-
लगातार थकान: आयरन, विटामिन B12, फोलेट और मैग्नीशियम की कमी।
बालों का झड़ना: आयरन, विटामिन D, जिंक, प्रोटीन और बायोटिन (विटामिन B7) की कमी।
नाखून कमजोर या टूटना: आयरन, कैल्शियम, जिंक और प्रोटीन की कमी।
मसूड़ों से खून आना, मुंह में छाले या जीभ में दर्द: विटामिन C, आयरन और विटामिन B-कॉम्प्लेक्स की कमी।
चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग या एंग्जाइटी: विटामिन B12, विटामिन D, ओमेगा-3 फैटी एसिड और मैग्नीशियम की कमी।
भूख न लगना: जिंक, विटामिन B-कॉम्प्लेक्स और आयरन की कमी।
घाव देर से भरना: विटामिन C, जिंक और प्रोटीन की कमी।
पैरों में जलन, सुन्नपन या झुनझुनी: विटामिन B12, B1, B6 और मैग्नीशियम की कमी।
हड्डियों में दर्द व कमजोरी: विटामिन D, कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी।
अनियमित हार्ट रेट: पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम की कमी।
रात को धुंधला दिखना: विटामिन A की कमी।
यह लक्षण अक्सर शुरुआती संकेत होते हैं। सही जानकारी के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी है
सवाल- शरीर में न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी की पूर्ति के लिए डाइट में क्या शामिल करें?
जवाब- शरीर में न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी की पूर्ति के लिए डाइट में विविधता रखना सबसे जरूरी है। अलग-अलग फूड ग्रुप्स अलग तरह के विटामिन्स और मिनरल्स देते हैं। इसलिए रोजमर्रा के मील प्लान में कुछ चीजें जरूर शामिल करें। जैसेकि-
आयरन, फोलेट और विटामिन K के लिए
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों, मेथी, चौलाई, बथुआ, साथ ही चुकंदर, सहजन की पत्तियां, हरी मटर आदि।
प्रोटीन और जरूरी मिनरल्स के लिए
दालें (अरहर, मूंग, मसूर, उड़द), प्लांट-बेस्ड प्रोटीन जैसे राजमा, चना, लोबिया, सोयाबीन, टोफू, क्विनोआ, बाजरा, ज्वार और रागी आदि।
कैल्शियम के लिए
दूध, दही, पनीर, छाछ, तिल, भुने चने आदि।
विटामिन B12 के लिए
अंडा, मछली, फोर्टिफाइड सीरियल और फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क आदि।
विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स के लिए
आंवला, संतरा, अमरूद, कीवी, स्ट्रॉबेरी, पपीता, शिमला मिर्च, ब्रॉकली, टमाटर आदि।
ओमेगा-3, जिंक और हेल्दी फैट्स के लिए
बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, फ्लैक्स सीड्स, चिया सीड्स, पंपकिन सीड्स, सनफ्लावर सीड्स आदि। नॉन-वेजिटेरियन हैं तो साल्मन और सार्डिन जैसी फैटी मछलियां खाएं।
विटामिन D और B-कॉम्प्लेक्स के लिए
अंडे की जर्दी, मछली, मशरूम, ओट्स, ब्राउन राइस, साबुत गेहूं और मल्टीग्रेन रोटियां आदि।
हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के लिए
नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी और ऐसे फल जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो।
सवाल- किन लोगों को पोषक तत्वों की कमी का ज्यादा रिस्क होता है?
जवाब- कुछ लोगों को पोषक तत्वों की कमी का रिस्क दूसरों की तुलना में ज्यादा होता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- शरीर में पोषक तत्वों की कमी का पता कैसे चलता है?
जवाब– शरीर में पोषक तत्वों की कमी का पता उसके शुरुआती संकेतों को देखकर लगाया जा सकता है। अगर अक्सर थकान, बार-बार बीमार पड़ना या हड्डियों में कमजोरी जैसे लक्षण दिखाने लगे तो यह न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी की ओर इशारा करता है। ऐसे में समय रहते जांच करवाना और डाइट में सुधार करना जरूरी होता है।

सवाल- शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब- पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए संतुलित डाइट के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखें।
- हर दिन संतुलित डाइट लें, जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, हेल्दी फैट्स, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स सभी सही अनुपात में हों।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं क्योंकि हाइड्रेशन की कमी से भी कई न्यूट्रिएंट्स का एब्जॉर्प्शन प्रभावित होता है।
- रोजाना थोड़ी देर धूप लें ताकि विटामिन D आसानी से बन सके और कैल्शियम सही तरह से एब्जॉर्ब हो पाए।
- नियमित एक्सरसाइज करें। इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और शरीर पोषक तत्वों का इस्तेमाल सही तरीके से कर पाता है।
- बहुत प्रोसेस्ड, जंक और हाई-शुगर फूड्स न खाएं क्योंकि ये न्यूट्रिएंट-डेंस नहीं होते और शरीर की जरूरतें पूरी नहीं करते हैं।
- खाने को सही तरीके से पकाएं। ओवरकुकिंग से कई विटामिन (जैसे B-कॉम्प्लेक्स, विटामिन C) नष्ट हो जाते हैं।
- गट हेल्थ का ध्यान रखें। दही, छाछ, फाइबर और प्रोबायोटिक्स शामिल करें ताकि शरीर पोषक तत्वों को सही तरीके से एब्जॉर्ब कर सके।
- समय-समय पर ब्लड टेस्ट कराएं ताकि आयरन, विटामिन B12, विटामिन D, कैल्शियम आदि की कमी का समय पर पता चल सके।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें।
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