Pakistan Vs India Kashmir Pahalgam Attack; Modi Govt | URI Surgical Strikes | आज का एक्सप्लेनर: भारत लेगा पहलगाम हमले का बदला; क्या ड्रोन, मिसाइल अटैक या बम गिराएगा, जमीनी जंग में कौन-सी अड़चनें


उरी में आतंकी घुसे, तो PoK में सर्जिकल स्ट्राइक की। पुलवामा में हमला हुआ, तो बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुई। अब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की जान ली, तो भारत ने 5 बड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल समझौते पर रोक भी शामिल ह

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मोदी सरकार ने पिछले आतंकी हमलों पर कब-कैसे जवाब दिया, इस बार पहलगाम का बदला लेने के लिए PM मोदी क्या कर सकते हैं; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: उरी आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने कैसे की थी सर्जिकल स्ट्राइक? जवाब: 18 सितंबर 2016 की रात। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में स्थित इंडियन आर्मी के 12वीं ब्रिगेड हेडक्वार्टर में सर्द हवाओं की सरसराहट के सिवा सब कुछ शांत था। सभी जवान ड्यूटी पूरी कर आराम कर रहे थे।

दूसरी तरफ जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकी LoC की कंटीले तारों वाले बॉर्डर को काट कर उरी में घुस गए। जहां से महज 12 किमी. दूर इंडियन आर्मी का हेडक्वार्टर बना हुआ था।

आतंकियों का मकसद हेडक्वार्टर में मौजूद भारतीय सैनिकों को मारने और ड्रमों में रखे हजारों लीटर डीजल-पेट्रोल में आग लगाना था। आतंकियों ने यह दिन बहुत सोच-समझकर चुना था, क्योंकि वहां बिहार रेजिमेंट और डोगरा रेजिमेंट की बटालियन भी मौजूद थी। इस वजह से अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा सैनिक थे।

सुबह करीब साढ़े पांच बजे आतंकी हेडक्वार्टर में दाखिल हुए। ग्रेनेड और एके-47 से जवानों पर हमला शुरू कर दिया। सिर्फ 3 मिनट में 17 ग्रेनेड फेंककर जवानों के टेंटों में आग लगा दी। इसमें 13 जवान बुरी तरह झुलसकर शहीद हो गए।

आतंकियों ने एक ग्रेनेड टेंट्स के पास रखे ऑयल बैरल्स पर भी फेंका, जिससे धमाका हो गया। तभी डोगरा रेजिमेंट के 19 साल के जवान की नजर आतंकियों पर पड़ी और वो अकेले ही आतंकियों से भिड़ गया। जवान ने एक आतंकी को मार गिराया। तभी अन्य जवान भी आ पहुंचे। करीब 6 घंटे चली गोलीबारी में चारों आतंकी मारे गए।

इस हमले में 18 सैनिक शहीद हुए और 30 जवान घायल हो गए।

इस हमले में 18 सैनिक शहीद हुए और 30 जवान घायल हो गए।

आतंकियों के पास मिले हथियार और GPS सेट से साफ था कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार की तरह इस हमले से इनकार कर दिया।

भारत का एक्शनः सर्जिकल स्ट्राइक से लिया उरी में शहीदों का बदला

  • हमले के बाद पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और आर्मी चीफ रहे जनरल दलबीर सिंह सुहाग श्रीनगर पहुंचे। कश्मीर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की बात कही।
  • इस पर मनोहर पर्रिकर ने सतीश दुआ से कहा, ‘इस सैन्य कार्रवाई में वहां (पाकिस्तान) पर किसी नागरिक की जान न जाए और साथ ही इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले किसी भी सैनिक की जान न जाए।’
  • सतीश दुआ ने कहा, ‘आम नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी तो दी जा सकती है, लेकिन युद्ध में सिपाहियों की जान की कोई गारंटी नहीं होती।’ मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक की इजाजत देते हुए मराठी में सिर्फ एक ही लफ्ज कहा- बरोबर।
  • इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, NSA अजीत डोभाल और आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ हाई लेवल इमरजेंसी मीटिंग की। इसमें सर्जिकल स्ट्राइक को मंजूरी मिल गई।
  • इसके लिए 9 पैरा स्पेशल फोर्स और 4 पैरा स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो को चुना गया। इसके अलावा 125 स्पेशल कमांडो LoC पर बैकअप के लिए तैनात किए गए।
  • 28 सितंबर की रात साढ़े आठ बजे दोनों पैरा स्पेशल फोर्स की 4 टीमें LoC पार कर PoK में दाखिल हो गईं। 4 पैरा SF कमांडोज कुपवाड़ा से PoK में दाखिल हुए, जबकि 9 पैरा SF कमांडोज पुंछ से गए। आतंकियों के लॉन्च पैड पर पहुंचते-पहुंचते रात गुजरने लगी।
  • 9 पैरा कमांडोज दुश्मन के ठिकाने पर पहुंच गए और हमला शुरू कर दिया, जिससे कुछ आतंकी फौरन मारे गए। बाकी बचे आतंकियों को आधे घंटे में खत्म कर दिया और LoC की ओर लौट आए।
  • वहीं, 4 पैरा SF कमांडोज को टारगेट तक पहुंचने के लिए PoK के काफी अंदर तक जाना था, इसलिए उन्हें पहुंचने में सुबह हो गई। इस टुकड़ी के कमांडोज दो टीमों में बंट गए। जरा भी देर न करते हुए कमांडोज ने गोलीबारी शुरू कर दी। यहां उन्होंने दुश्मन के लॉन्च पैड्स और गोला-बारूद के डिब्बों को भी निशाना बनाया।
  • ऑपरेशन पूरा कर कमांडोज वापस लौटे, तो एक कमांडो का पैर लैंड माइन्स पर पड़ गया, जिससे दो कमांडोज घायल हो गए। जैसे ही यह टुकड़ी LoC पहुंची तो पीछे से पाकिस्तान आर्मी ने गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन बैकअप की वजह से पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा और ऑपरेशन कामयाब हुआ।
  • इस पूरे ऑपरेशन को इतना सीक्रेट रखा गया कि इसे कोई नाम नहीं मिला। भारतीय मीडिया ने इसे कहा- ‘उरी सर्जिकल स्ट्राइक।’
PoK में तबाह लॉन्च पैड की तस्वीरें।

PoK में तबाह लॉन्च पैड की तस्वीरें।

सवाल-2: पुलवामा में 40 CRPF जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारत ने कैसे की थी बालाकोट एयरस्ट्राइक? जवाब: 14 फरवरी 2019 को दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही थी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी CRPF का काफिला गुजर रहा था। 78 गाड़ियों के काफिले में करीब 2500 जवान थे, जो श्रीनगर जा रहे थे। इनमें से ज्यादातर जवान छुट्टियों से लौटे थे, इसलिए कुछ अपनी प्रेमिकाओं की याद में डूबे हुए थे और कुछ अपने बच्चों से फोन पर बात कर रहे थे।

5 नम्बर की बस में बैठे कॉन्स्टेबल एच. गुरु को अपनी पत्नी की याद आई। उन्होंने पत्नी को फोन लगाया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। किसी को क्या पता था कि यह आखिरी कॉल होगी। दोपहर के करीब सवा तीन बज चुके थे और श्रीनगर पहुंचने में महज आधा घंटा बचा था।

इसी रास्ते में दो आतंकी शाकिर बशीर और आदिल अहमद डार काफिले का इंतजार कर रहे थे। नेशनल हाईवे 44 पर जैसे ही काफिला टारगेट लोकेशन पर पहुंचा तो आदिल अहमद डार एक नीले रंग की मारुति इको वैन लेकर काफिले में शामिल हो गया।

हाईवे पर तैनात सब इंस्पेक्टर मोहनलाल ने काफिले में तेज रफ्तार कार देखी तो वह हमले को भांप गए। वे अपनी राइफल को लोड कर कार की तरफ भागे। आतंकी ने अपनी कार 5 नंबर की बस से टकरा दी और डैशबोर्ड पर लगे डेटोनेटर का स्विच दबा दिया। कार में रखा 200 किग्रा. आरडीएक्स फट गया।

पांचवी बस के परखच्चे उड़ गए और इसकी चपेट में दूसरी गाड़ियां भी आ गईं। आसपास के घरों के शीशे टूट गए और सड़क पर गहरा गड्ढा बन गया। मोहनलाल समेत 40 CRPF जवान शहीद हो गए और 70 से ज्यादा जवान बुरी तरह जख्मी हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली।

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद मौके पर CRPF जवान।

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद मौके पर CRPF जवान।

भारत का एक्शनः बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जैश के ठिकाने तबाह किए

  • 15 फरवरी को एयर चीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ ने केंद्र सरकार के सामने PoK में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक का प्रपोजल रखा। सरकार ने इसे मंजूरी दे दी। 16 से 26 फरवरी तक एयर फोर्स ने हमले की तैयारी की। वन स्क्वॉड्रन टाइगर्स और 7 स्क्वॉड्रन बैटल एक्सेस के जवानों को एयर स्ट्राइक के लिए चुना। इसे नाम दिया- ‘ऑपरेशन बंदर’।
  • 26 फरवरी की सुबह साढे तीन बजे 12 मिराज-2000 फाइटर जेट्स ने PoK में घुसने के लिए उड़ान भरी। कुछ ही देर में फाइटर जेट्स बालाकोट और खैबर पख्तूनख्वाह स्थित आतंकी कैंप पर पहुंच गए और हमला करना शुरू कर दिया। यह पूरा ऑपरेशन करीब 21 मिनट चला, जिसमें एयरफोर्स ने 1 हजार किग्रा. स्मार्ट बम गिराए। इसमें सैकड़ों आतंकी मारे गए और जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप तबाह हो गए।
  • इसके जवाब में 27 फरवरी को पाकिस्तान की एयरफोर्स ने LoC में घुसकर हमला करने की कोशिश की, लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने हमले के मंसूबे को नाकाम कर दिया।
  • इस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने MIG-21 फाइटर जेट से पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट को मार गिराया। इस हमले में उनका जेट खराब हो गया और उन्हें पैराशूट से PoK में लैंड करना पड़ा। पाकिस्तानी आर्मी ने अभिनंदन को पकड़ लिया, लेकिन भारत के डिप्लोमैटिक एक्शन के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा। 1 मार्च 2019 को पाकिस्तान ने अभिनंदन को सुरक्षित भारत को लौटा दिया।
  • इसके बाद भारत ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म किया। पाकिस्तान से भारत निर्यात किए जाने वाले सामान पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 200% कर दी।
  • भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की। 1 मई 2019 को यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया।
जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर।

जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर।

सवाल-3: अब पहलगाम आतंकी हमले में भारत आगे क्या करेगा? जवाब: पहलगाम में सैलानियों पर आतंकी हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे। PM मोदी सऊदी का दौरा छोटा करके वतन वापस लौटे। हाई लेवल मीटिंग्स का दौर जारी है। PM आवास में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई है।

PM मोदी ने ट्वीट कर कहा,

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इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा… उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनकी बुरी मंशा कभी सफल नहीं होगी। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अटल है और यह और मजबूत होगा।

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PM मोदी ने दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का वादा किया है, जो सैन्य, खुफिया और कूटनीतिक कार्रवाइयों का संकेत देता है।

इस हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जिसे भारत सरकार आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी मानती है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद के मुताबिक पाकिस्तान भले ही बोल रहा कि इस हमले से कोई लेना-देना नहीं, लेकिन ये हमला पाकिस्तान के इशारे पर किया गया है।

पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे अजय बिसारिया कहते हैं कि अभी एजेंसियां जांच कर रही हैं। अगर पहलगाम हमले में पाकिस्तान का सीधा कनेक्शन निकलकर आता है तो भारत इसके बदले में कोई न कोई कार्रवाई जरूर करेगा। यह कार्रवाई सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक की शक्ल में भी हो सकती है।

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रैटजिक स्टडीज प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर विवेक मिश्र भी कहते हैं कि भारत बदले में कार्रवाई जरूर करेगा। ये एक छिपा मिशन या खुली लड़ाई भी हो सकती है। जिसका मकसद आतंकियों को खत्म करना, पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव और आतंकी नेटवर्क को नष्ट करना होगा। हमला बालाकोट एयरस्ट्राइक से भी ज्यादा बड़े स्तर का हो सकता है।

सवाल-4: क्या भारत पाकिस्तान पर जमीनी या समुद्री रास्ते से हमला कर सकता है? जवाब: लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सतीश दुआ कहते हैं कि इस वक्त पाकिस्तान को भी पता है कि पहलगाम हमले के बाद भारत कार्रवाई जरूर करेगा। वो सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जैसे जवाबों से निपटने के लिए हर तरह की तैयारियां कर रहा होगा, लेकिन भारत वही पहले जैसे रिस्पॉन्स नहीं देगा। इस बार हमारी कार्रवाई भी अलग होगी।

सोशल मीडिया पर फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार 24 का एक स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें पाकिस्तानी एयरफोर्स के विमान कराची से लाहौर स्थित बेस में जाते दिख रहे हैं। पाकिस्तान ने LoC पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।

ORF के विवेक मिश्र कहते हैं कि उरी और पुलवामा हमले के बाद हमने जिस तरह बदले में बड़ी कार्रवाई की, उससे पाकिस्तान इस बार सचेत है और जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है, इसलिए भारत सीमा पार जमीनी हमला लॉन्च करने का विकल्प नहीं चुनेगा।

पाकिस्तान के पत्रकार आसिम रजा ने पाकिस्तान के मौजूदा हालात बताते हुए कहा,

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पाकिस्तान की सरकार ने इस हमले की निंदा की है, जबकि भारत की मीडिया ने इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया है। ऐसे में पाकिस्तान में हालात तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान सेना ने सीमा पर हाई अलर्ट लगा दिया है। वह भारत के हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा है।

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तस्वीर।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तस्वीर।

सवाल-5: तो फिर पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत के पास क्या-क्या ऑप्शन हैं? जवाब: डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के पास 2 उपयुक्त ऑप्शन हैं…

1. मिसाइल से एयरस्ट्राइक: भारत की बदले की कार्रवाई हवाई रास्ते से होने की उम्मीद है। हो सकता है भारत के मिसाइल लॉन्च पैड से पाकिस्तान के अंदर मिसाइल अटैक किए जाएं। ORF के विवेक मिश्र कहते हैं, ‘सीमा पार आतंकी ठिकानों और सैन्य कैंपों के सटीक को-ऑर्डिनेट्स यानी लोकेशन तय करके मिसाइल हमले किए जा सकते हैं। इससे पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से कोई नुकसान नहीं होगा।’

2. ड्रोन अटैक: रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की जंग, दोनों में हमने खतरनाक ड्रोन हमले होते देखे हैं। विवेक मिश्र कहते हैं कि अब देश अपने सैनिकों को सीधे जंग के मैदान में तभी उतारते हैं, जब मैदान पर उनकी जीत पक्की होती है, उससे पहले तक ताकतवर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और मानवरहित ड्रोन की मदद से दुश्मन के ठिकानों पर हमले किए जाते हैं। भारत भी सीमा पार आतंकियों के ठिकाने चुनकर मानवरहित ड्रोन के हमले कर सकता है।

सवाल-6: अगर भारत पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई करता है, तो क्या जंग के हालात बन सकते हैं? जवाब: अजय बिसारिया के मुताबिक, ‘भारत निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेगा, लेकिन अभी कार्रवाई जंग का मोर्चा खोलने जैसी नहीं होगी। ऐसी स्थिति में देश एक सब-कन्वेंशनल यानी सीमित मिलिट्री ऑपरेशन करते हैं और जंग की नौबत आने से रोकने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तान भी सीमित जवाबी कार्रवाई करेगा। हालांकि, इससे हालात बिगड़ सकते हैं।’

वे आगे कहते हैं, ‘पाकिस्तान जानता है कि भारत चुप नहीं बैठेगा। इसलिए वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा। ऐसे में इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि हालात बिगड़े तो बात जंग तक पहुंच सकती है।’

हालांकि, विवेक मिश्र कहते हैं, ‘पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने फंड देने से मना कर दिया है। उसकी माली हालत खराब है, इसलिए वह फिलहाल यह नहीं चाहेगा कि यह तनाव जंग में बदल जाए। वह जानता है कि जंग की नौबत आई तो उसके पास लंबे समय तक लड़ने के लिए गोला-बारूद और पैसा नहीं है।’

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