Pregnancy Daily Diet Plan; Amla Peanut Green Vegetables | Protein Iron | जरूरत की खबर- प्रेग्नेंसी में न खाएं ये 12 चीजें: क्या चाय-कॉफी पीना सही है, गायनेकोलॉजिस्ट से जानें हेल्दी डाइट प्लान


2 घंटे पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

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प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के जीवन का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण फेज होता है। इस दौरान होने वाली मां को सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत का भी ख्याल रखना होता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कई तरह के हॉर्मोनल चेंजेस होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम भी पहले जैसा मजबूत नहीं रहता है। ऐसे में उनकी हेल्थ और बच्चे की ग्रोथ के लिए मां का हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है।

प्रेग्नेंसी में अक्सर महिलाएं यह सोचकर कुछ भी खा लेती हैं कि ‘हमें तो दो लोगों की डाइट लेनी है’, लेकिन यह आधा सच है। प्रेग्नेंसी में हर चीज खाना सुरक्षित नहीं होता है।

कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जो इन्फेक्शन, फूड पॉइजनिंग, हॉर्मोनल असंतुलन और बच्चे की ग्रोथ पर नेगेटिव असर डाल सकते हैं। ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम बात करेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान खाने को लेकर सचेत क्यों रहना जरूरी है। साथ ही जानेंगे कि-

  • प्रेग्नेंसी में क्या खाना और क्या नहीं खाना चाहिए?
  • प्रेग्नेंसी का डेली डाइट प्लान कैसा होना चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर

डॉ. मानिनी पटेल, सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर

सवाल- प्रेग्नेंसी के दौरान खाने को लेकर सचेत क्यों रहना जरूरी है?

जवाब- प्रेग्नेंसी के दौरान मां जो भी खाती है, उसका सीधा असर बच्चे की ग्रोथ, ब्रेन डेवलपमेंट और स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस दौरान होने वाली मां का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिससे इन्फेक्शन, फूड पॉइजनिंग और पोषक तत्वों की कमी का रिस्क बढ़ जाता है।

कुछ फूड्स भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकते हैं, जबकि कुछ प्री-मैच्योर डिलीवरी या अन्य कॉम्पलिकेशंस का कारण बन सकते हैं। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाएं सुरक्षित, साफ-सुथरा, हल्का और पौष्टिक खाना चुनें।

सवाल- प्रेग्नेंसी के दौरान कौन से फूड्स नहीं खाने चाहिए?

जवाब- कुछ फूड्स हैं, जो प्रेग्नेंसी में मां-बच्चे दोनों की सेहत के लिए रिस्की होते हैं। कच्चे या अधपके पपीते में लेटेक्स नामक एक सफेद लिक्विड होता है, जो यूट्रस में संकुचन पैदा कर सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में पपीता बिल्कुल न खाएं।

कच्चा अंडा या अधपका मीट भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया फूड पॉइजनिंग समेत कई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ और फूड्स भी हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान अवॉइड करना चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- प्रेग्नेंसी के दौरान कौन सी चीजें खानी चाहिए?

जवाब- बच्चे के सही विकास के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं को पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना चाहिए, जिसमें मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा, रागी), राजमा, काबुली चना, पंपकिन सीड्स, सनफ्लावर सीड्स, ड्राईफ्रूट्स, सरसों तेल, घी, फल-हरी सब्जियां जैसी चीजें शामिल करनी चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- प्रेग्नेंसी का डेली डाइट प्लान कैसा होना चाहिए?

जवाब- प्रेग्नेंसी के दौरान डेली डाइट प्लान संतुलित, हल्का और न्यूट्रिशन से भरपूर होना चाहिए, जिसमें कार्ब्स, प्रोटीन, फैट और फाइबर संतुलित मात्रा में हों।

न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में एक साथ ज्यादा खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा कई बार में खाना चाहिए। नीचे दिए ग्राफिक से प्रेग्नेंसी का सामान्य डेली डाइट प्लान समझिए-

सवाल- प्रेग्नेंसी के दौरान रोजाना कितना पानी पीना चाहिए?

जवाब- प्रेग्नेंसी में कम-से-कम ढाई से 3 लीटर (यानी करीब 8–10 ग्लास) पीना चाहिए। इससे कब्ज नहीं होती, फ्लुइड बैलेंस रहता है और डिहाइड्रेशन का रिस्क नहीं रहता है। इसलिए दिन भर में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। पानी के अलावा नारियल पानी, सूप, लेमन वॉटर, छाछ जैसे लिक्विड भी हाइड्रेशन बढ़ाते हैं।

सवाल- क्या प्रेग्नेंसी के दौरान चाय-कॉफी पीना चाहिए?

जवाब- प्रेग्नेंसी में चाय-कॉफी पीना ठीक है, लेकिन सीमित मात्रा में। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) जैसे ऑर्गेनाइजेशन प्रेग्नेंसी के दौरान प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से कम कैफीन का सेवन करने की सलाह देते हैं।

इसका मतलब है कि एक दिन में 1 कप कॉफी या चाय पीना सुरक्षित है। ध्यान रखें इसमें चीनी की मात्रा बहुत कम रखें। शाम को कैफीन लेने से बचें, नींद प्रभावित होती है। ज्यादा कैफीन बच्चे की ग्रोथ पर असर डाल सकता है और मिसकैरेज का रिस्क बढ़ा सकता है।

सवाल- प्रेग्नेंसी में किस तरह के स्नैक्स खाना सुरक्षित है?

जवाब- हल्के, सुपाच्य, न्यूट्रिएंट-रिच और कम तेल वाले स्नैक्स प्रेग्नेंसी के लिए सुरक्षित होते हैं। कोशिश करें कि हर स्नैक में थोड़ा-सा प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट शामिल हो ताकि लंबे समय तक पेट भरा रहे और अनहेल्दी क्रेविंग न बढ़े। जैसेकि-

  • रोस्टेड नट्स
  • पका हुआ स्प्राउट्स चाट
  • मूंग दाल चीला/बेसन चीला
  • इडली, डोसा
  • रोस्टेड चना, मखाने
  • होममेड वेजिटेबल सूप
  • होममेड सैंडविच
  • उबला कॉर्न
  • उबला अंडा

सवाल- प्रेग्नेंसी में कितना वजन बढ़ना सामान्य है?

जवाब- प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ना बिल्कुल सामान्य और जरूरी है क्योंकि शरीर बच्चे की ग्रोथ, अम्नीओटिक फ्लूइड, प्लेसेंटा और अतिरिक्त ब्लड वॉल्यूम को सपोर्ट करता है। आमतौर पर एक हेल्दी प्रेग्नेंसी में कुल 10–12.5 किलो तक वजन बढ़ना सामान्य माना जाता है। हालांकि यह आपके प्रेग्नेंसी से पहले के BMI (बॉडी मास इंडेक्स) पर निर्भर करता है।

अंडरवेट महिलाओं में 12.5–18 किलो तक, नॉर्मल वेट वाली महिलाओं में 11–16 किलो तक, ओवरवेट वाली महिलाओं में 7–11 किलो तक और ओबेसिटी वाली महिलाओं में 5–9 किलो तक वजन बढ़ना सामान्य है। अगर वजन बहुत कम बढ़ रहा हो या अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

सवाल- क्या प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज या योगा करना सुरक्षित है?

जवाब- गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मानिनी पटेल बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में हल्की एक्सरसाइज और योगा पूरी तरह सुरक्षित है। नियमित एक्सरसाइज से शरीर एक्टिव रहता है, कमर-दर्द कम होता है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और डिलीवरी के समय शरीर को स्ट्रेंथ मिलती है।

योग सांसों को कंट्रोल करता है, तनाव घटाता है और नींद बेहतर आती है। हालांकि हर महिला की प्रेग्नेंसी अलग होती है, इसलिए शुरुआत डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।

प्रेग्नेंसी में कौन-सी एक्सरसाइज सुरक्षित हैं?

  • हल्की वॉक (20–30 मिनट)
  • योग और प्राणायाम
  • डीप ब्रीदिंग
  • पेल्विक टिल्ट और कैट-केम स्ट्रेच
  • लेग स्ट्रेच, आर्म-स्ट्रेच

किन चीजों से बचना चाहिए?

  • भारी वजन उठाना
  • झटकेदार मूवमेंट
  • जंपिंग या हार्ड-इम्पैक्ट वर्कआउट
  • पेट के बल या बहुत पीछे की ओर झुकने वाली एक्सरसाइज
  • बिना ट्रेनर के कोई नई पोज या कठिन योग

अगर चक्कर, भारीपन, सांस फूलना, पेट में दर्द या ब्लीडिंग हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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