Punjab RSS Activist Son Murder Case; Naveen Arora | Pakistan Funding | क्या RSS कार्यकर्ता के बेटे की हत्या इंटरनेशनल साजिश: पाकिस्तान से कनेक्शन, पिता बोले- न दुश्मनी-न धमकी मिली, फिर क्यों मारा


‘मुझे या मेरे बेटे को कभी कोई धमकी नहीं मिली। न आज तक कभी उसका किसी से झगड़ा हुआ। वो न किसी तरह का नशा करता था और न ही गलत आदतों का आदी था। फिर पता नहीं क्यों निशाने पर आ गया?’

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पंजाब के फिरोजपुर में रहने वाले RSS कार्यकर्ता बलदेव अरोड़ा बेटे नवीन की मौत के गम से अब भी उबर नहीं पा रहे हैं। 15 नवंबर की शाम जब 38 साल के नवीन अपने बच्चों को स्कूल से लाने जा रहे थे, तभी मोची बाजार में दो बाइक सवारों ने उन पर गोलियां बरसा दीं।

पिता बलदेव का कहना है कि पंजाब में हालात बहुत खराब हैं। कब, कौन, किसे गोली मार दे पता नहीं। यहां प्रशासन जैसी कोई चीज नजर नहीं आती है। पंजाब पुलिस के मुताबिक, अब तक की जांच में लूटमार, फिरौती या आपसी रंजिश का कोई एंगल सामने नहीं आया है। पुलिस टारगेट किलिंग के एंगल से जांच कर रही है।

पुलिस में हमारे सोर्स ने बताया कि नवीन के हत्यारों के निशाने पर आने की वजह उसका RSS का बैकग्राउंड है। हत्या के तार पाकिस्तान से भी जुड़ते दिख रहे हैं। पंजाब में पहले भी इंटरनेशनल टारगेट किलिंग और अटैक हो चुके हैं। जिसमें पाकिस्तान के साथ कई और देश इन्वॉल्व थे। जांच पूरी होने के बाद ही साजिश की पूरी तस्वीर साफ होगी।

SSP फिरोजपुर भूपिंदर सिंह ने बताया कि कनव और हर्ष ने नवीन की रेकी की थी। हत्या की पूरी प्लानिंग कनव के घर पर हुई थी।

SSP फिरोजपुर भूपिंदर सिंह ने बताया कि कनव और हर्ष ने नवीन की रेकी की थी। हत्या की पूरी प्लानिंग कनव के घर पर हुई थी।

दैनिक भास्कर ने नवीन के पिता और पुलिस में अपने सोर्स से बात कर पूरा मामला समझा।

पंजाब के हालात बहुत खराब, कौन-किसे मार दे पता नहीं फिरोजपुर के रहने वाले बलदेव अरोड़ा RSS कार्यकर्ता हैं। नवीन उनका अकेला बेटा था। एक बेटी भी है, वो चंडीगढ़ में रहती है। बलदेव 15 नवंबर का दिन याद करते हुए कहते हैं, ‘मैं घटना से 10 मिनट पहले ही दुकान पहुंचा था। नवीन ने कहा कि पापा अब मैं घर जाता हूं। बच्चों को घुमाने ले जाऊंगा। वो निकला ही था और खबर आ गई कि उसे किसी ने गोली मार दी। नवीन का 2 साल का बेटा और 8 साल की बेटी है।’

पुलिस की जांच के बारे में कुछ पता चला क्या? ‘नहीं, पंजाब का हाल बहुत खराब है। कौन, किसे और कब मार देगा, पता नहीं। इन्हें सजा देने वाला भी कोई नहीं है।’ क्या RSS का बैकग्राउंड हत्या की वजह बना?

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ये तो पता नहीं। निशाने पर तो हम रहते ही हैं। मैं ही नहीं मेरे पिता दीनानाथ अरोड़ा भी RSS के सीनियर कार्यकर्ता थे।

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‘कांग्रेस के समय जब इमरजेंसी लगी थी। तब मेरे पिता ने सत्याग्रह किया था। लोगों ने समझाया जेल में डाल दिए जाओगे तो कहते थे- मैं यही तो चाहता हूं। मैं भी बचपन से संगठन से जुड़ा हूं। अभी मुझे प्रौढ़ कार्य प्रमुख की जिम्मेदारी मिली है। 40 साल या उससे ऊपर के लोगों के साथ विचार बांटना और उनके साथ बैठकें करना मेरा काम है।’

क्या संघ को रोकना हमलावरों का मकसद हो सकता है? इस पर बलदेव अरोड़ा कहते हैं, ‘1989 में मोगा में शाखा के वक्त हमला हुआ था। अंधाधुंध गोलियां चलीं थीं और 25 कार्यकर्ता मार दिए गए थे। उसमें मेरे पिता के कई साथी भी मारे गए थे। तब भी दूसरे दिन शाखा लगी थी। मेरे पिताजी उसमें गए भी थे। पंजाब में संगठन पर हमलों का पुराना इतिहास है, लेकिन संघ अपना काम करता रहता है।’

आपसी रंजिश-खालिस्तानी लेटर से कनेक्शन दोनों थ्योरी खारिज घटना को लेकर पुलिस सोर्स ने बताया, ‘हत्या की प्लानिंग प्रोफेशनल तरीके से हुई। इसलिए आपसी रंजिश की थ्योरी डिसमिस कर दी गई। फिर खालिस्तानी संगठन होने का दावा करते हुए सोशल मीडिया में एक पोस्ट सामने आई। जब उसकी जांच हुई तो वो फर्जी निकली।’

क्या खालिस्तानी संगठन होने का दावा करने वाले लेटर की जांच हुई? ‘हां, लेटर में 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार का जिक्र है। लिखा गया है कि इस लड़के (नवीन) के परिवार वालों ने तब सिखों के अकाल तख्त पर हुए हमले के बाद जश्न मनाया था। ये सब काफी अनौपचारिक तरीके से लिखा गया है। आमतौर पर संगठन इस तरह के तर्क या वजहें नहीं देते हैं। ये पूरी तरह से फर्जी है।’

वे आगे कहते हैं ‘मृतक नवीन 38-39 साल का है। ऑपरेशन ब्लूस्टार 41 साल पहले हुआ। अगर वजह 1984 के दंगे थे तो हत्या के लिए निशाना उसे बनाते जो उस वक्त था न कि उसे जो तब पैदा भी नहीं हुआ था। जिस अकाउंट से लेटर पोस्ट हुआ, उसकी भी जांच हो चुकी है। वो फर्जी है।’

लेटर जारी कर पहले हत्या की जिम्मेदारी खालिस्तानी संगठन शेर-ए-पंजाब ब्रिगेड ने ली। लेटर में संगठन के कमांडर परमजीत सिंह के साइन हैं। हालांकि पुलिस इसे फर्जी बता रही है।

लेटर जारी कर पहले हत्या की जिम्मेदारी खालिस्तानी संगठन शेर-ए-पंजाब ब्रिगेड ने ली। लेटर में संगठन के कमांडर परमजीत सिंह के साइन हैं। हालांकि पुलिस इसे फर्जी बता रही है।

पाकिस्तान से कनेक्शन की थ्योरी पर जांच जारी पंजाब पुलिस ने हत्या के मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 2 लोग फरार बताए जा रहे हैं। इनमें कनव, हर्ष और जतिन को एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया। 2 साथी फरार हैं। जतिन को एनकाउंटर के दौरान दो गोली लगी और वो अस्पताल में भर्ती है। हालांकि जतिन को पैसा कहां से मिला, किसने नवीन की हत्या करवाई, ये पूछताछ की जा रही है। पाकिस्तान कनेक्शन की भी पड़ताल की जा रही है।’

क्या पाकिस्तान के किसी संगठन ने RSS पर निशाना साधा है? इस पर पुलिस सोर्स ने बताया, ‘देखिए अब तक की जांच में आपसी रंजिश और खालिस्तान कनेक्शन की बात डिसमिस हो चुकी है।’

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हालांकि फिर भी आरोपियों से खालिस्तानी लिबरेशन फ्रंट (KLF) संगठन के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। पाकिस्तान से कनेक्शन की थ्योरी पर जांच हो रही है। हत्या के तार पाकिस्तान से भी जुड़ते दिख रहे हैं।

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‘ये बात बिल्कुल साफ है कि निशाने पर हिंदूवादी संगठन था। अब जांच पूरी होने के बाद ही सब कुछ क्लियर होगा। इसके पीछे पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश नजर आ रही है। नवीन के निशाने पर आने की वजह उसका RSS बैकग्राउंड है। किसी आम आदमी या फिर व्यापारी को मारकर वो संदेश नहीं दिया जा सकता था, जो संदेश RSS बैकग्राउंड के व्यक्ति को मारकर दिया जा सकता है।’

पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि हत्या का प्लान कनव की बर्थडे पार्टी में बना। हत्या का मास्टरमाइंड जतिन है। उसने दूसरे साथियों को पैसों का लालच देकर काम कराया। हर्ष और कनव इसमें सहयोगी रहे। नवीन पर गोली चलाने वाला आरोपी बादल फरार है। इस काम में इस्तेमाल की गई बंदूक पंजाब के बाहर से मंगाई गई थी। हालांकि कहां से मंगाई गई, अभी ये पता नहीं चला है?

केस में NIA की होगी एंट्री पुलिस सोर्स की मानें तो 2-3 दिन के अंदर पुलिस को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। पुलिस की जांच की अपनी कुछ सीमाएं हैं। केस की जांच में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की एंट्री लगभग तय है। पहले भी कई हिंदूवादी संगठनों और व्यक्तियों पर हमलों की जांच NIA कर चुकी है। अब तक जो पैटर्न सामने आ रहा है, वो 2016 से 2017 के बीच हुई टारगेट किलिंग और अटैक की मोडस ऑपरेंडी जैसा लग रहा है।

RSS ने कहा- संगठन पर हमले के लिए चुना सॉफ्ट टारगेट इस मामले को लेकर हमने RSS कार्यकर्ता प्रमोद से भी बात की। वे कहते हैं, ‘पहले भी पंजाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमले हुए हैं। इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये हमला भी RSS को टारगेट करके किया गया है।’

‘दरअसल संघ के 100 साल पूरे हुए हैं। पूरे देश में कार्यक्रम किया जा रहा है। पंजाब में घर-घर संपर्क कर संघ लोगों को संगठन से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हो सकता है ये हमला संघ के प्रसार को रोकने के लिए हो। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है।’

10 साल में 9 टारगेट किलिंग- एक सा पैटर्न नवीन का मर्डर ऐसा कोई पहला केस नहीं है। 6 अगस्त 2016 को जालंधर में RSS की पंजाब इकाई के उपाध्यक्ष रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में NIA ने 2019 में रिपोर्ट सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में हत्या की साजिश रचने वाले 11 लोगों का नाम शामिल था। रिपोर्ट के मुताबिक ये प्लानिंग पाकिस्तान में हुई थी। हालांकि फंडिंग से लेकर टारगेट किलिंग में कई देशों के लोग शामिल थे।

एजेंसी की जांच में कहा गया था कि ये हत्या खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) की टॉप लीडरशिप ने रची और ये एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी। इस रिपोर्ट में 2016 से लेकर 2017 तक मारे गए खास संगठन और कम्युनिटी के लोगों की जांच को भी शामिल किया गया था। सभी हत्याओं का पैटर्न और मकसद एक ही था। इस हत्या में पाकिस्तान, इटली, यूके, ऑस्ट्रेलिया के नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था।

रिपोर्ट में इन हत्याओं को ‘इंटरनेशनल कॉन्स्पिरेसी‘ कहा गया। साफ कहा गया कि फंडिंग से लेकर प्लानिंग तक इसमें कई देश शामिल थे। पाकिस्तान इसमें प्रमुख भूमिका में था। जालंधर के जगदीश गगनेजा, लुधियाना के रविंदर गोसाईं और अमृतसर के विपिन शर्मा समेत सबकी टारगेट किलिंग के पैटर्न और फंडिंग पर डिटेल में तथ्य दिए गए थे।

फिर वही पैटर्न- मास्क लगाए दो बाइक सवार आए, टारगेट पर निशाना पंजाब पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर हमसे बात की। उन्होंने बताया, ‘RSS पदाधिकारी बलदेव अरोड़ा के बेटे नवीन अरोड़ा की हत्या में भी पैटर्न बाकी टारगेट किलिंग की तरह ही है। वहीं भीड़ से भरे बाजार में दो बाइक सवारों ने टारगेट पर गोलियों की बौछार की।’

वे आगे कहते हैं, ‘आप देखिए शाखाओं पर जो हमले हुए, वो भी इसी पैटर्न पर हुए। पंजाब में ऐसा नहीं कि सिर्फ हिंदूवादी संगठन ही निशाने पर आए हैं, पादरी और नामधारी भी हैं। पर ये इक्का-दुक्का ही हैं। खालिस्तानी हों या फिर पाकिस्तानी, RSS से उनकी दुश्मन नंबर-1 है। ……………………

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