
5 घंटे पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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आजकल बढ़ते प्रदूषण और पानी की खराब क्वालिटी के कारण बहुत से लोग अपने घरों में वाटर प्यूरीफायर लगवाते हैं। यह पानी को साफ करने के साथ उसमें मौजूद बैक्टीरिया, केमिकल्स और हानिकारक तत्वों से सुरक्षा देता है।
हालांकि अक्सर लोग प्यूरीफायर खरीदने के बाद उसकी नियमित सफाई और मेंटेनेंस को नजरअंदाज कर देते हैं। इसके कारण मशीन के अंदर गंदगी, कीचड़ और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जिससे पानी की क्वालिटी खराब हो जाती है और सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।
वहीं कुछ लोग एक्सपर्ट को बुलाने के खर्च के कारण प्यूरीफायर की सफाई देर से करवाते हैं। जबकि इसे घर पर भी आसानी से साफ किया जा सकता है। इसके लिए बस थोड़ी सावधानी और सही तरीका जानना जरूरी है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम वाटर प्यूरीफायर क्लीनिंग के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- घर पर वाटर प्यूरीफायर साफ करने का सही तरीका क्या है?
- वाटर प्यूरीफायर की सफाई कितने दिनों में करनी चाहिए?
एक्सपर्ट:
डॉ. नरेंद्र कुमार सिंगला, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली
सागर गौड़, CEO, रियल वाटर सॉल्यूशंस, कानपुर (वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट)
सवाल- वाटर प्यूरीफायर की सफाई क्यों जरूरी है?
जवाब- इस्तेमाल होने के साथ वाटर प्यूरीफायर में गंदगी, कीचड़, मिनरल्स और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जो पानी की क्वालिटी को खराब कर देते हैं। इससे प्यूरीफिकेशन की क्षमता कम हो जाती है। गंदे वाटर प्यूरीफायर का पानी पीने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए वाटर प्यूरीफायर की रेगुलर सफाई जरूरी है। इससे उसकी लाइफ बढ़ती है और पानी की क्वालिटी भी बेहतर बनी रहती है।
सवाल- वाटर प्यूरीफायर की रेगुलर सफाई न होने के क्या हेल्थ रिस्क हैं?
जवाब- दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ. नरेंद्र कुमार सिंगला बताते हैं कि गंदे वाटर प्यूरीफायर के इस्तेमाल से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क बढ़ जाता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- वाटर प्यूरीफायर की सफाई कब करनी चाहिए, इसके क्या संकेत होते हैं?
जवाब- आमतौर पर हर महीने वाटर प्यूरीफायर की सफाई जरूरी होती है। कुछ स्पष्ट संकेत यह बताते हैं कि अब प्यूरीफायर को क्लीन करने का समय आ गया है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- वाटर प्यूरीफायर की टंकी की सफाई कैसे करें?
जवाब- इसके लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखें। जैसेकि-
- सबसे पहले प्यूरीफायर को बंद करके पानी की सप्लाई रोक दें और टंकी को पूरी तरह खाली कर लें।
- अब सावधानी के साथ टंकी को खोलकर अलग कर लें। इसे साफ पानी से धो लें ताकि ऊपर जमी धूल या कचरा निकल जाए।
- इसके बाद हल्के डिशवॉशिंग लिक्विड और मुलायम ब्रश या स्पंज की मदद से टंकी की अंदरूनी दीवारों और कोनों को अच्छी तरह साफ करें।
- अब इसे साफ पानी से कई बार धोएं ताकि कोई झाग या अवशेष टंकी के अंदर न रहे।
- हल्के विनेगर या बेकिंग सोडा के घोल से टंकी को सैनिटाइज भी कर सकते हैं।
- धोने के बाद टंकी को छांव में पूरी तरह सुखा लें और फिर इसे दोबारा प्यूरीफायर में फिट कर दें।
- अंत में प्यूरीफायर चालू करके कुछ लीटर पानी निकाल दें ताकि अंदर का बचा हुआ अवशेष बाहर आ जाए। अब साफ पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल- क्या वाटर प्यूरीफायर के फिल्टर को भी घर पर साफ कर सकते हैं?
जवाब- वॉटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट सागर गौड़ बताते हैं कि प्यूरीफायर में अलग-अलग प्रकार के फिल्टर लगे होते हैं। कुछ को केवल बहते पानी से धोना सुरक्षित होता है, जबकि कुछ को छेड़ना नहीं चाहिए क्योंकि उनकी बनावट बहुत नाजुक होती है।
सेडिमेंट फिल्टर (प्री-फिल्टर) और UF (अल्ट्राफिल्ट्रेशन) फिल्टर की बेसिक सफाई घर पर की जा सकती है, लेकिन कार्बन फिल्टर, RO मेम्ब्रेन और UV (अल्ट्रावायलेट) लैंप की सफाई नहीं की जाती है। इन्हें सिर्फ बदलने की जरूरत होती है। डीप क्लीनिंग या रिप्लेसमेंट के लिए एक्सपर्ट की मदद लेना बेहतर है। नीचे दिए ग्राफिक से घर पर सेडिमेंट फिल्टर सफाई का सही तरीका समझिए–

वाटर प्यूरीफायर फिल्टर्स के बारे में जानिए
सेडिमेंट फिल्टर
ये पानी से धूल, मिट्टी, रेत, गाद और जंग जैसे बड़े कणों को हटाता है। इससे RO मेम्ब्रेन की उम्र बढ़ती है और उसकी कार्यक्षमता बनी रहती है।
कार्बन फिल्टर
ये क्लोरीन, कीटनाशकों, केमिकल्स और बदबू को दूर करता है, जिससे पानी का स्वाद और क्वालिटी बेहतर होती है।
RO मेम्ब्रेन
ये रिवर्स ऑस्मोसिस तकनीक से पानी में घुले TDS (नमक, हैवी मेटल्स, नाइट्रेट, फ्लोराइड आदि) और खतरनाक केमिकल्स को हटाता है, जिससे पानी सुरक्षित बनता है।
UV लैंप
ये अल्ट्रावायलेट किरणों से पानी में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों को खत्म करता है।
अल्कलाइन/मिनरल कार्ट्रिज
ये पानी में जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम जोड़ता है और pH लेवल को संतुलित करता है, जिससे पानी हेल्दी बनता है।
पोस्ट-कार्बन फिल्टर
ये आखिरी स्तर पर पानी के स्वाद और गंध को और भी स्मूद व फ्रेश बनाता है।
कुल मिलाकर हर फिल्टर का अलग काम होता है और सभी मिलकर पानी को शुद्ध व सुरक्षित बनाते हैं।
सवाल- वाटर प्यूरीफायर के बाहरी हिस्से की सफाई कैसे करें?
जवाब- ये बहुत ही आसान है। इसे नीचे दिए पॉइंटर्स से समझिए-
- सबसे पहले प्यूरीफायर की बिजली और पानी की सप्लाई बंद कर दें।
- फिर एक मुलायम कपड़ा लेकर मशीन पर जमी धूल/गंदगी हल्के हाथ से साफ करें।
- इसके बाद एक गीले कपड़े को साफ पानी में निचोड़कर पूरी बाहरी सतह को पोंछें।
- अगर कहीं जिद्दी दाग या चिकनाई हो तो उसी कपड़े पर थोड़ा हल्का डिटर्जेंट लगाकर धीरे-धीरे पोंछें।
- अब सतह को दोबारा साफ पानी से गीले कपड़े से पोंछें ताकि कोई गंदगी न रह जाए।
- अंत में सूखे कपड़े से पोंछकर मशीन को अच्छे से सुखा लें और फिर से पानी की सप्लाई और पावर ऑन कर दें।
ध्यान रखें कि सफाई करते समय हार्ड केमिकल या खुरदरे स्क्रबर का इस्तेमाल न करें, वरना मशीन की सतह खराब हो सकती है।
सवाल- वाटर प्यूरीफायर की सफाई कितने दिनों में करनी चाहिए?
जवाब- यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्यूरीफायर किस तरह का है, घर में पानी की क्वालिटी कैसी है और इसका कितना इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर महीने में एक बार प्यूरीफायर की सफाई करनी चाहिए।

सवाल- वाटर प्यूरीफायर फिल्टर को कितने दिनों में बदलना चाहिए?
जवाब- आमतौर पर वाटर प्यूरीफायर के फिल्टर को हर 6 से 12 महीने में बदलना चाहिए। हालांकि यह समय आपके इलाके के पानी की क्वालिटी, प्यूरीफायर के इस्तेमाल और मॉडल के प्रकार पर निर्भर करती है। अगर पानी का स्वाद बदलने लगे या फ्लो कम हो जाए तो यह फिल्टर बदलने का संकेत होता है।
सवाल- वाटर प्यूरीफायर की सफाई के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- इस दौरान कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है, ताकि मशीन की परफॉर्मेंस और पानी की क्वालिटी दोनों बेहतर बनी रहे। जैसेकि-
- सफाई के बाद प्यूरीफायर को जोड़ते समय सभी पार्ट्स सही जगह और मजबूती से फिट करें। कहीं भी लीक या ढीले कनेक्शन न रहें।
- मशीन चालू करने के बाद शुरुआती 2–3 लीटर पानी फेंक दें ताकि सफाई के दौरान बचा क्लीनिंग सॉल्यूशन पूरी तरह निकल जाए।
- पानी का फ्लो सामान्य है या नहीं, यह जांचें। अगर पानी धीमा या रुक-रुक कर आ रहा है तो फिल्टर सही से फिट नहीं हुआ है।
- मशीन से कोई अजीब आवाज आए तो तुरंत जांच करें और पानी के स्वाद व गंध को भी जांचें। गड़बड़ी दिखे तो एक्सपर्ट की मदद लें।
- अगर प्यूरीफायर में मेंटेनेंस इंडिकेटर है तो उसे उसके निर्देशों के अनुसार रीसेट करें।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने प्यूरीफायर को ज्यादा समय तक सुरक्षित और असरदार बनाए रख सकते हैं।
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