
4 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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विटामिन D ऐसे अनोखे विटामिन्स में से एक है, जिसे हमारा शरीर खुद बना सकता है। इसके लिए बस थोड़ी-सी धूप की जरूरत पड़ती है। जिस तरह पौधे सूरज की रोशनी से अपना भोजन बनाते हैं, वैसे ही हमारी त्वचा धूप से विटामिन D बनाती है।
सर्दियों में दिन छोटे होते हैं, इसलिए धूप कम होती है। लोग ज्यादातर समय घर में बिताते हैं, जिससे विटामिन D की कमी हो जाती है।
दुनिया में करीब 50% लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं। भारत में यह समस्या और भी गंभीर है। भारत में लगभग 76% से 80% लोग विटामिन D की कमी का शिकार हैं। यानी हर चार में से तीन लोगों के शरीर में यह जरूरी विटामिन कम है।
आज ‘फिजिकल हेल्थ’ में विटामिन D की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे-
- विटामिन D की कमी के लक्षण क्या हैं?
- सर्दियों में कमी के मुख्य कारण क्या हैं?
- इसकी कमी कैसे पूरी करें?
एक्सपर्ट: डॉ. संचयन रॉय, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, दिल्ली
सवाल- विटामिन D की कमी के क्या लक्षण हैं?
जवाब- विटामिन D की कमी होने पर शरीर कमजोरी के संकेत देता है। कई बार ये लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि हम इग्नोर कर देते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। ग्राफिक में सभी लक्षण देखिए-

सवाल- शरीर के लिए विटामिन D इतना जरूरी क्यों है?
जवाब- विटामिन D हमारे शरीर का एक साइलेंट हीरो है। यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत रखता है, बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, विटामिन D शरीर में 200 से ज्यादा जरूरी कामों के लिए जिम्मेदार है।
स्टैनफोर्ड की एक स्टडी के मुताबिक, अगर इसकी कमी हो जाए तो कैंसर, हार्ट डिजीज और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा 18% तक बढ़ सकता है।
सर्दियों में ये स्थिति और खराब हो जाती है, क्योंकि धूप कम मिलती है और हम ज्यादा कपड़े पहनते हैं। इससे बीमारियों का ग्राफ बढ़ सकता है।
आइए पहले देखते हैं कि विटामिन D शरीर में क्या-क्या जरूरी काम करता है।

सवाल- भारत में विटामिन D की कमी इतनी ज्यादा क्यों है?
जवाब- भारत में विटामिन D की कमी एक साइलेंट एपिडेमिक बन चुकी है। 2025 में भी 80% तक लोग इससे प्रभावित हैं। पूर्वी भारत में इसकी कमी की दर 38% तक है, जबकि दिल्ली जैसे शहरों में यह बहुत ज्यादा है। टाटा 1mg की एक स्टडी के मुताबिक, भारत के बड़े शहरों में 89% तक लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं।
सवाल- विटामिन D को बुढ़ापे का सहारा क्यों कहा जाता है?
जवाब- बुढ़ापे में विटामिन D हमारा सबसे बड़ा सहारा होता है। यह हड्डियों को कमजोर होने से बचाता है और मसल्स को मजबूत रखता है।

सवाल- सर्दियों में विटामिन D की कमी बढ़ क्यों जाती है?
जवाब- डॉ. संचयन रॉय कहते हैं कि सर्दियों में लोग धूप से दूर रहते हैं, जो विटामिन D की कमी का मुख्य कारण है। प्रदूषण और जीवनशैली भी इसमें रोल निभाते हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च से पता चलता है कि 10 मुख्य फैक्टर विटामिन D की कमी के लिए जिम्मेदार हैं और सर्दियों में ये अधिक प्रभावी हो जाते हैं।

अब इन कारणों को विस्तार से समझते हैं। इन्हें समझने के बाद ही बचाव कर पाएंगे।
भौगोलिक स्थिति
भारत के उत्तरी प्रदेशों में सर्दियों में सूरज की किरणें तिरछी पड़ती हैं, जिससे UVB किरणें कम पहुंचती हैं। इन किरणों से ही विटामिन D बनता है। इसलिए भारत में सर्दियों में यह समस्या बढ़ जाती है। इसलिए ठंड में डॉक्टर से कंसल्ट करके इसके लिए सप्लीमेंट्स लेने चाहिए।
वायु प्रदूषण
सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। दिल्ली जैसे शहरों में स्मॉग UVB को रोक देता है। गाड़ियों और फैक्ट्रियों का धुआं कार्बन पार्टिकल्स बनाता है, जो धूप को फिल्टर कर देते हैं। अगर आप प्रदूषित इलाके में रहते हैं, तो कमी का खतरा दोगुना है।
ज्यादा सनस्क्रीन
सनस्क्रीन लगाना अच्छा है, लेकिन इसे ज्यादा लगाने से UVB ब्लॉक हो जाती हैं। सर्दियों में भी अगर आप बाहर जाते हैं, तो इसे बैलेंस रखें।
डार्क स्किन
डार्क स्किन वाले लोगों को विटामिन D बनाने के लिए ज्यादा धूप चाहिए, क्योंकि मेलेनिन UV को प्रोटेक्ट करता है। भारत में ज्यादातर लोगों की स्किन डार्क है, इसलिए सर्दियों में कम धूप में यह समस्या और बढ़ जाती है।
ठंडी स्किन
सर्दियों में स्किन ठंडी रहती है, जिससे विटामिन D प्रोडक्शन कम होता है। गर्म स्किन इसके लिए ज्यादा एफिशिएंट होती है।
ओवरवेट
मोटापा भी इसके पीछे बड़ा कारण है। फैट सेल्स विटामिन D को स्टोर कर लेते हैं, लेकिन इस्तेमाल नहीं होने देते हैं। अगर आपका वजन ज्यादा है, तो इसकी कमी का रिस्क ज्यादा होता है।
अधिक उम्र
उम्र बढ़ने पर त्वचा विटामिन D बनाने में कम सक्षम हो जाती है। इसलिए बुजुर्गों को सर्दियों में यह समस्या ज्यादा होती है।
खराब गट हेल्थ
गट हेल्थ खराब हो तो खाने से मिलने वाला विटामिन D अवशोषित नहीं होता है। IBS (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) या अन्य पेट की बीमारियां इसका कारण हैं।
लिवर और किडनी डिजीज
लिवर और किडनी विटामिन D को एक्टिवेट करते हैं। अगर ये खराब हों तो शरीर में इसकी कमी महसूस होती है।
सवाल- विटामिन D की पूर्ति कैसे होगी?
जवाब- इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रोनोलॉजी की स्टडी के मुताबिक, भारतीयों को विटामिन D मेन्टेन करने के लिए रोज लगभग आधे घंटे धूप में रहना चाहिए। सर्दियों में 10 AM से 3 PM के बीच धूप लेना बेहतर है। इसे पूरा करने के लिए सभी उपाय ग्राफिक में देखिए-

कुछ पॉइंट्स को विस्तार से समझें
- सर्दियों में धूप लें, लेकिन ज्यादा कपड़े न पहनें ताकि त्वचा एक्सपोज हो। इससे विटामिन D बनाने में आसानी होगी।
- दोपहर में 15-30 मिनट काफी हैं। ज्यादा धूप से बचें, क्योंकि सनबर्न हो सकता है।
- फैटी फिश यानी सैल्मन, टूना, अंडे, मशरूम, दूध, चीज और फोर्टिफाइड अनाज खाएं। मशरूम को धूप में रखकर खाएं तो विटामिन D बढ़ जाता है।
- विटामिन D की कमी कोई बड़ी समस्या नहीं। बस थोड़ी सी जागरूकता चाहिए। रोज धूप लें, बैलेंस्ड डाइट लें और स्वस्थ रहें।
- अगर विटामिन D बहुत कम हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। सलाह लेकर जरूरी सप्लीमेंट्स लें।
- नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की स्टडी में सुबह की धूप नींद सुधारती है और मूड अच्छा रखती है। अमेरिकन नेशनल हेल्थ मैगजीन के मुताबिक, विटामिन D एंग्जाइटी कम करता है।
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