
11 घंटे पहले
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आजकल सोशल मीडिया का दौर है। लोग अब पोस्ट से ज्यादा मीम्स के जरिए बात करते हैं। मीम्स सिर्फ हंसी-मजाक के लिए नहीं, बल्कि अब हमारी रोज की बातचीत का हिस्सा बन चुके हैं। खासकर Gen-Z के लिए तो ये एक तरह की भाषा बन गए हैं। जैसे ही कोई ट्रेंडिंग मीम दिखा, तुरंत दोस्तों को भेजते हैं और उस पर घंटों बातें भी करते हैं। हालांकि यही मीम्स आपकी प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
दरअसल इन मीम के साथ ऐसा वायरस (मालवेयर या स्पायवेयर) जुड़ा होता है, जो फोन में पहुंचकर बैंक अकाउंट, पासवर्ड और पर्सनल डेटा चुरा सकता है। इसलिए ऐसे मीम्स की पहचान करना और समय रहते अलर्ट हो जाना बहुत जरूरी है।
तो चलिए, साइबर लिटरेसी के कॉलम में आज जानेंगे कि मीम्स कैसे आपकी प्राइवेसी के लिए खतरनाक हो सकते हैं? साथ ही जानेंगे कि-
- ऐसे स्कैम मीम्स की पहचान कैसे करें?
- किस तरह के मीम्स या फॉरवर्डेड इमेज से सावधान रहें?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस
सवाल- वायरस वाले मीम्स क्या होते हैं?
जवाब- वायरस वाले मीम्स वो तस्वीरें होती हैं, जो देखने में तो मजेदार और सामान्य लगती हैं, लेकिन उनके अंदर कोई खतरनाक वायरस छुपा होता है। जब आप इन्हें डाउनलोड या खोलते हैं, तो ये आपके मोबाइल या कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये आपको बिना बताए आपकी जानकारी भी चुरा सकते हैं।
सवाल- ये मीम्स कैसे दिखते हैं?
जवाब- ये मीम्स बिल्कुल आम मीम्स की तरह दिखते हैं। जैसे मजेदार कैप्शन वाले फोटो, पॉपुलर ट्रेंड्स पर बनाए गए मीम और सेलिब्रिटीज या पॉलिटिक्स से जुड़े जोक्स।
बाहर से पता ही नहीं चलता कि इनके अंदर कुछ कोड है, जो डाउनलोड होने के बाद एक्टिव हो जाता है। कभी-कभी ये लिंक या फाइल की तरह भी आते हैं, जिन्हें खोलते ही फोन या कंप्यूटर में वायरस आ जाता है।
सवाल- इस तरह के मीम को डाउनलोड करना कितना खतरनाक है?
जवाब- जब आप वायरस वाले मीम को डाउनलोड करते हैं तो ये आपके मोबाइल या कंप्यूटर के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है। ये सिर्फ एक फनी फोटो नहीं होते, बल्कि इनके अंदर छिपे वायरस और खतरनाक कोड आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है और आपका डिवाइस ठीक से काम नहीं करेगा। इसलिए ऐसे मीम को बिना जाने-समझे डाउनलोड करना बहुत रिस्की होता है।

सवाल- इस तरह के मीम्स की पहचान कैसे कर सकते हैं?
जवाब- अक्सर हम सोशल मीडिया या चैट्स पर मीम्स देखते हैं, जो हमें हंसाने या सोचने पर मजबूर करते हैं। ज्यादातर मीम्स सिर्फ मजे के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन कुछ साइबर क्रिमिनल्स इनका इस्तेमाल आपके मोबाइल या कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। ये मीम्स दिखने में भले ही सामान्य लगें, लेकिन इनके अंदर वायरस या खतरनाक कोड छिपा होता है। कुछ सामान्य संकेतों से इसकी पहचान कर सकते हैं।

सवाल- क्या वायरस सिर्फ मीम की फोटो में होता है या वीडियो और GIF में भी छिप सकता है?
जवाब- साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि वायरस सिर्फ फोटो तक ही सीमित नहीं है। अब साइबर क्रिमिनल्स फोटो के साथ-साथ वीडियो और GIF जैसी फाइलों में भी वायरस छिपा सकते हैं। जैसे कई बार कोई मीम आपको वीडियो या GIF के रूप में भेजा जाता है। देखने में तो वो सिर्फ एक मजेदार क्लिप लगता है, लेकिन असल में वह एक ऐसी फाइल हो सकती है, जिसमें छिपा हुआ कोड डाला गया हो। जैसे ही आप उस पर क्लिक करते हैं, ये आपके डिवाइस पर वायरस या मालवेयर डाउनलोड कर सकता है। कुछ मामलों में ऐसा मीम एक GIF की तरह दिखता है, लेकिन उस पर टैप करते ही ये आपको किसी संदिग्ध वेबसाइट या लिंक पर ले जाता है। वहां से वायरस खुद-ब-खुद डाउनलोड हो सकता है और आपकी जानकारी चुराने लग सकता है।
सवाल- कौन-से यूजर्स सबसे ज्यादा टारगेट किए जाते हैं?
जवाब- साइबर क्रिमिनल्स उन लोगों को टारगेट करते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी या साइबर सेफ्टी की कम जानकारी होती है। ये यूजर्स आसानी से किसी भी फनी मीम, लिंक या फॉरवर्डेड मैसेज पर भरोसा कर लेते हैं। आमतौर पर बुजुर्ग और किशोर और युवा इस स्कैम का सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं।
सवाल- वायरस इन्फेक्टेड मीम्स से बचने के लिए यूजर्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- किसी भी मीम को डाउनलोड करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सवाल- अगर वायरस वाला मीम गलती से खुल जाए तो क्या करें?
जवाब- अगर आपने गलती से किसी वायरस वाले मीम को खोल लिया है तो घबराने के बजाय तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाएं। ये स्टेप्स आपके मोबाइल या कंप्यूटर को बड़े नुकसान से बचा सकते हैं। जैसेकि-
- फोन या लैपटॉप को तुरंत Wi-Fi या मोबाइल डेटा से डिस्कनेक्ट करें। इससे वायरस का बाहर से संपर्क टूट जाएगा और वह ज्यादा नुकसान नहीं कर पाएगा।
- अगर मीम खोलते ही कोई फाइल या एप अपने-आप खुल गई है तो उसे तुरंत बंद करें। अनजाने में कोई लिंक क्लिक न करें।
- फोन या कंप्यूटर में इंस्टॉल किए गए एंटीवायरस या मोबाइल सिक्योरिटी एप से तुरंत स्कैन करें। अगर आपके पास ऐसा कोई एप नहीं है तो गूगल प्ले स्टोर या एपल एप स्टोर से भरोसेमंद एंटीवायरस डाउनलोड करें।
- अगर आपने हाल में बैंकिंग एप, सोशल मीडिया या ईमेल में लॉगिन किया था, तो उनके पासवर्ड तुरंत बदलें।
- फोन या कंप्यूटर की ‘डाउनलोड’ फोल्डर और ‘इंस्ट्रॉल्ड एप्स’ लिस्ट को चेक करें। कोई अनजान फाइल या एप दिखे तो तुरंत डिलीट करें।

सवाल- ऐसे मीम्स को रिपोर्ट कैसे करें?
जवाब- वॉट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर ‘रिपोर्ट’ का ऑप्शन होता है, वहां से रिपोर्ट करें। इसके अलावा साइबर अपराध की शिकायत के लिए www.cybercrime.gov.in पर जाकर या 1930 पर कॉल करके भी साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं।
ध्यान रहें कि फोन में स्क्रीनशॉट और लिंक सुरक्षित रखें, ताकि शिकायत करते वक्त सबूत मिलें।
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