
6 दिन पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में गुड़ की रौनक बढ़ जाती है। गर्म तासीर के कारण लोग इस मौसम में गुड़ बड़े चाव से खाते हैं। ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। गुड़ में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे कई मिनरल्स और विटामिन पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं।
इसे नेचुरल तरीके से तैयार किया जाता है, जिससे इसके पोषक तत्व काफी हद तक सुरक्षित रहते हैं। एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के मुताबिक, दुनिया के कुल गुड़ उत्पादन का लगभग 70% हिस्सा भारत में ही बनता है।
जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंस (JAIMS) में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, आयुर्वेदिक चिकित्सा में 3000 वर्षों से ज्यादा समय से गुड़ का इस्तेमाल एक नेचुरल स्वीटनर के रूप में किया जाता रहा है। ये एनीमिया, पीलिया, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्याओं में काफी कारगर है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम सर्दियों में गुड़ खाने के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- गुड़ में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
- किन लोगों को गुड़ खाने से परहेज करना चाहिए?
एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर
सवाल- गुड़ में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
जवाब- यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के मुताबिक, गुड़ में कई जरूरी मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं, जो इसे चीनी से अलग बनाते हैं। यही कारण है कि यह सिर्फ मीठा नहीं, बल्कि पौष्टिक तत्वों का सोर्स माना जाता है। नीचे दिए ग्राफिक से 100 ग्राम गुड़ की न्यूट्रिशनल वैल्यू समझिए-

सवाल- सर्दियों में गुड़ खाना क्यों फायदेमंद है?
जवाब- न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि सर्दियों में हमारा मेटाबॉलिज्म थोड़ा धीमा हो जाता है और शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। ऐसे में गर्म तासीर वाला गुड़ एक बेहतरीन नेचुरल एनर्जी बूस्टर साबित होता है।
गुड़ में थर्मोजेनिक गुण होते हैं। यानी यह शरीर के तापमान को मेंटेन रखता है और ठंड से बचाता है। इसमें मौजूद जिंक, सेलेनियम और एंटीऑक्सिडेंट्स संक्रमण से बचाव में मदद करते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। इसके नेचुरल कंपाउंड्स गले की खराश को कम करते हैं और बलगम साफ करने में मदद करते हैं।
यह शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे स्किन साफ और नेचुरली ग्लोइंग रहती है। गुड़ में मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को सपोर्ट करते हैं। सर्दियों में पाचन धीमा पड़ता है, ऐसे में भोजन के बाद गुड़ खाने से डाइजेस्टिव एंजाइम्स एक्टिव होते हैं और कब्ज में राहत मिलती है। नीचे दिए ग्राफिक से सर्दियों में गुड़ खाने के हेल्थ बेनिफिट्स समझिए-

सवाल- गुड़ और चीनी में क्या फर्क है?
जवाब- गुड़ और चीनी दोनों ही गन्ने से बनते हैं, लेकिन उनकी प्रोसेसिंग और पोषण में बड़ा अंतर है। चीनी पूरी तरह रिफाइंड होती है, जिसमें प्रोसेसिंग के दौरान लगभग सारे विटामिन, मिनरल और फाइबर हट जाते हैं।
वहीं गुड़ अनरिफाइंड नेचुरल शुगर है, जिसे गन्ने के रस को उबालकर बिना किसी केमिकल के तैयार किया जाता है। इसी कारण गुड़ सिर्फ मिठास नहीं देता, बल्कि शरीर को आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
सवाल- क्या चीनी की जगह गुड़ खाना बेहतर है?
जवाब- डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि गुड़ को लोग चीनी का हेल्दी विकल्प मानते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। अगर आपको डायबिटीज है, मोटापा है, आपका मेटाबॉलिज्म स्लो है या आपकी लाइफस्टाइल ऐसी है, जिसमें लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो चीनी की जगह गुड़ खाने से कोई खास फायदा नहीं मिलेगा।
दरअसल गुड़ और चीनी दोनों में समान मात्रा में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। दोनों ही शरीर में जाकर ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते हैं और अगर यह एनर्जी खर्च नहीं होती तो वह फैट में बदल जाती है। इसलिए गुड़ हो या चीनी दोनों का ज्यादा सेवन नुकसानदायक है। फर्क सिर्फ इतना है कि गुड़ में कुछ विटामिन और मिनरल्स मौजूद रहते हैं, जो इसे थोड़ा बेहतर बनाते हैं।

सवाल- क्या ज्यादा गुड़ खाना नुकसानदायक भी हाे सकता है?
जवाब- हां, ज्यादा गुड खाने से मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा ये पाचन तंत्र पर भी असर डालता है, जिससे गैस या ब्लोटिंग जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। गुड़ दांतों पर चिपकता है, जिससे कैविटी और सड़न हो सकती है। कुछ लोगों में इसे ज्यादा खाने से एलर्जी या गले में जलन भी हो सकती है।
सवाल- एक दिन में कितना गुड़ खाना सुरक्षित है?
जवाब- डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि गुड़ के हेल्थ बेनिफिट्स तभी मिलते हैं, जब इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 10–15 ग्राम गुड़ का सेवन सुरक्षित माना जाता है।
सवाल- किन लोगों को गुड़ नहीं खाना चाहिए?
जवाब- गुड़ में शुगर और कैलोरी दोनों की मात्रा लगभग चीनी के बराबर ही होती है। इसलिए यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई होता है। इसी कारण डायबिटीज, मोटापा, फैटी लिवर और पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित लोगों को गुड़ के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए-

सवाल- गुड़ को स्टोर करने का सही तरीका क्या है ताकि वह खराब न हो?
जवाब- गुड़ वातावरण की नमी जल्दी सोख लेता है। अगर इसे सही तरह से स्टोर न किया जाए तो यह पिघल सकता है, सख्त हो सकता है या इस पर फफूंद लग सकती है। इसलिए गुड़ को हमेशा सूखी जगह में रखना चाहिए। इसे सुरक्षित रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें।
- गुड़ को हमेशा कांच, स्टील या फूड-ग्रेड प्लास्टिक के एयरटाइट डिब्बे में रखें ताकि नमी अंदर न जा सके।
- कंटेनर को धूप, नमी या गैस स्टोव के पास न रखें। गुड़ को कूल और ड्राई प्लेस पर रखने से वह लंबे समय तक ताजा रहता है।
- फ्रिज में रखे गुड़ पर नमी जम जाती है, जिससे वह सख्त या चिपचिपा हो सकता है। इसे कमरे के तापमान पर रखना बेहतर है।
- पूरा ब्लॉक रखने की बजाय गुड़ को छोटे टुकड़ों में काटकर रखें। इससे जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल आसान होता है और गुड़ बार-बार हवा के संपर्क में नहीं आता है।
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