‘दलाल ने रायपुर ले जाने के बहाने मेरे साथ 11 मजदूरों को ट्रेन में बैठाया, लेकिन जब हमें पता चला कि वह रायपुर के बजाय कहीं और लेकर जा रहा है, तो दूसरी बोगी में बैठे 10 मजदूर अगले स्टेशन पर कूदकर ...
3 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारीकॉपी लिंकमानसून के दौरान तेज बारिश से सांपों के बिलों या छिपने वाली जगहों में पानी भर जाता है। इससे सांप सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में बाहर निकलते हैं। इस दौरान वे ...
तारीख- 31 अगस्त 1995, वक्त सुबह के 6 बजे और जगह चंडीगढ़। दिलावर सिंह, चमकौर सिंह और बलवंत नाम के तीन सरदार सोकर उठे। दिलावर बोला- 'चमकौर, तुम फौरन चंडीगढ़ छोड़कर चले जाओ। हम लोग बड़ा काम करने जा ...
बीते 8 जून, शनिवार, शाम के करीब 7:30 बजे थे। जंगलों के बीच बसे पूवर्ती गांव में बिल्कुल खामोशी थी। ये गांव छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में है। अंधेरा होने के बाद यहां चहल-पहल बंद हो जाती है। गांव के ...
गुजरात के अहमदाबाद की ओढव सिटी। तारीख थी 3 जून 2017, रात के 8 बज रहे थे। 34-35 साल का दुबला-पतला एक शख्स तेज कदमों से चल रहा था। उसके कंधे पर कपड़े का झोला था। अचानक वह मकान नंबर D/147 के पास रुक ...
4 घंटे पहलेलेखक: कृष्णा शुक्ला/अक्षय प्रताप सिंहकॉपी लिंकआखिर इस जानवर को रहस्यमयी क्यों कहा जा रहा है, इसे अब तक क्यों नहीं खोजा जा सका और घायलों के इलाज में कैसी दिक्कतें आ रही हैं। पूरी जानकारी ...
उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज का गौरा गांव। तारीख थी 25 अप्रैल और साल 2009, सुबह के 6 बज रहे थे। मिट्टी से बना कच्चा मकान। 30-35 साल की संतोषी चूल्हे के पास बैठकर सब्जी काट रही थी।.अंदर के कमरे में ...
25 अप्रैल 2009 की सुबह 6 बजे का वक्त। जगह उत्तरप्रदेश के मोहनलालगंज जिले का गौरा गांव। मिट्टी के एक घर में खाना पका रही 30-35 साल की संतोषी, पति से बोली- ‘घर में न नमक है न तेल है। जबतक 20 बार न ...
साल 25 अप्रैल 2009, वक्त सुबह के 6 बजे। जगह उत्तरप्रदेश के मोहनलालगंज जिले का गौरा गांव। मिट्टी के एक घर में 30-35 साल की संतोषी खाना पका रही, पति से बोली- ‘घर में न नमक है न तेल है। जबतक तुमसे ...
7 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारीकॉपी लिंकहर महीने आपकी सैलरी में से PF के नाम पर कुछ पैसे कटते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पैसे जाते कहां हैं? ये पैसे आपके बैंक खाते में क्यों नहीं दिखते ...